आईजी सुजीत पाण्डेय ने की एसपी के कार्यों की मुक्त कंठ से सराहना

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कानून के दायरे में रहकर ही काम करें पुलिस कर्मी : आईजी रेंज लखनऊ
रायबरेली। प्रशंसा ऐसे व्यक्ति की होती है जिसके अच्छे गुणों या कार्यों से समाज में उसका आदर तथा प्रतिष्ठा बढ़ती हो। एसपी सुजाता सिंह ने जिले में कुछ ऐसी ही ख्याति अर्जित की है। उनकी कर्मठता के किस्से प्रदेश के पुलिस प्रमुख से होते हुए आई रेंज लखनऊ तक पहुंच चुके हैं। तभी तो ई-पेमेन्ट और पुलिस लाइन परिसर में संचालित कैण्टीन का शुभारम्भ करने पहुंचे आईजी सुजीत पाण्डेय ने रायबरेली पुलिस और उसकी मुखिया सुजाता सिंह की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। आईजी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि एसपी रायबरेली सुजाता सिंह उत्तर प्रदेश के बेस्ट आईपीएस अफसरों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि अपनी कार्य कुशलता, मेहनत, लगन और परिश्रम के कारण ही उत्तर प्रदेश पुलिस में सुजाता सिंह का सम्मान होता है। एसपी के कार्यों से अभिभूत आईजी ने तो यहां तक कहा कि वह सुजाता सिंह का नाम डीजी कॉमन्डेशन डिस्क (पुलिस महानिदेशक का प्रशंसा पत्र) के लिए भेजेंगे। आईजी ने पुलिस को मीडिया द्वारा दिये जा रहे सहयोग की भी सराहना की। आईजी सुजीत पाण्डेय ने पुलिस लाइन परिसर में उपस्थित पुलिस कर्मियों को जहां पुलिसिंग के टिप्स दिये। वहीं उन्होंने पुलिस को कानून के दायरे में रहकर काम करने की नसीहत भी दी। आईजी ने कहा कि आप ही हैं जिससे कभी वर्दी की शान बढ़ती है तो कभी भावनाओं में बहकर आपसे हुई एक छोटी सी गलती इस वर्दी की किरकिरी का भी माध्यम बन जाती है। उन्होंने लखनऊ में डायल-100 द्वारा की गई शराबी की पिटाई का जिक्र किया और कहा कि पुलिस कर्मी मूवमेन्ट पर पहुंचे लेकिन किसी प्रकार की मारपीट न करें। जरूरत पडऩे पर विवादित लोगों को थाने लाएं। आईजी रेंज ने उन्नाव की एक घटना का जिक्र किया और कहा कि जिस तरह से पुलिस कर्मियों ने एक महिला का प्रसव कराया वह अनुकरणीय है और प्रशंसनीय है। बाकी लोगों को भी उन्नाव पुलिस की इस जनहितैषी कार्यशैली से सबक लेना चाहिए। आईजी सुजीत पाण्डेय ने पुलिसिंग को मजबूत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण बातें बताईं और मातहतों को उस पर अक्षरश: अमल करने को भी कहा। आईजी ने कहा कि एक महीने के भीतर जनपद की पुलिस की तस्वीर बदली नजर आएगी। इसके लिए प्रयास जारी हैं। आईजी ने कहा कि जल्द ही जिले में 25 चौराहे चिन्हित किये जाएंगे और इन पर हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल की तैनाती की जाएगी। इस तैनाती से पूर्व एटीएस में प्रशिक्षण कराया जायेगा। कांस्टेबलों को पिस्टल मिलेगी जिसे चलाने का प्रशिक्षण देकर इन्हें साहस और उत्साह से भरा जाएगा। ताकि आवश्यकता पडऩे पर हमारा सिपाही बेझिझक फायर कर सके। कब, कहां और किस पर फायर करना है। इसकी भी ट्रेनिंग दी जाएगी। चौराहों पर तैनात होने वाले यह पुलिस कर्मी पूरी फोर्स से अलग दिखेंगे। आईजी ने कहा कि जिले को बैरियर बनाकर किले बंदी की जाएगी। ताकि कभी भी किसी अपराधी को पकडऩे के लिए तुरन्त घेराबन्दी की जा सके। उन्होंने कहा कि एक महीने के अन्दर पूरी पुलिस का स्वरूप बदला नजर आएगा। मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल के जबाव में आईजी पाण्डेय ने कहा कि अपराध तो होते रहेंगे वह कभी नहीं रूकेंगे। बस हम अपराधियों को इस बात के लिए मजबूर करें कि वह क्राइम से तौबा कर लें, सही पुलिस की असली डियूटी है।

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