उज्जैन में गोविन्द गजब को मिला विद्यावाचस्पति सम्मान

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रायबरेली। बैसवारे की साहित्य उर्वरा धरती से देश और प्रदेश में अपने गीतों के माध्यम से एक नया आयाम स्थापित करने वाले युवा साहित्यकार गोविन्द गजब को डाक्ट्रेट की मानद ‘विद्यावाचस्पति’ सम्मान से सम्मानित किया गया है। उज्जैन में यह उपाधि गोविन्द गजब को दी गई है। इस सम्मान से रायबरेली और बैसवारे का गौरव बढ़ा है। उल्लेखनीय है कि लालगंज बैसवारे के मलकेगांव निवासी हरिगोविन्द यादव पुत्र रामेश्वर यादव पेशे से साहित्यकार हैं। गोविन्द गजब के नाम से कवि सम्मेलनों और साहित्यिक मंचों पर अपनी मधुर आवाज से जादू बिखेरने वाले गजब ने बहुत ही कम समय में साहित्याकाश की ऊंचाईयों को छुआ है। साहित्य में विशेष योगदान के लिए उज्जैन के मौनी तीर्थ पीठ में आयोजित सम्मान समारोह में बिहार राज्य के भागलपुर जनपद में स्थित विक्रमशिला हिन्दा विद्यापीठ द्वारा उन्हें डाक्ट्रेट की मानद उपाधि विद्यावाचस्पति से सम्मानित किया गया है। सतांव के वरिष्ठ गीतकार निर्मल प्रकाश श्रीवास्तव ने इस उपाधि के प्रशंसा की और कहा कि गोविन्द गजब के प्रयास से जनपद का नाम रोशन हुआ है। वरिष्ठ साहित्यकार उत्तम सागर सोनी ने कहा कि यह बैसवारे के लिए गौरव की बात है। इस सम्मान से बैसवारे का नाम आगे बढ़ा है। इसके अलावा वरिष्ठ साहित्यकार सतीश कुमार सिंह, संतोष दीक्षित, मधुप श्रीवास्तव ‘नरकंकाल’, प्रभाकर मिश्र, शिवतोष मिश्र, उत्कर्ष सोनी आदि साहित्यकारों और वरिष्ठ पत्रकार विजय यादव, अनुज अवस्थी, राकेश गुप्ता आदि ने गोविन्द गजब को सम्मान के लिए बधाई दी।

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