और अंतिम संस्कार के लिये क्यो आखरी सांसे ले रहा था एक पिता

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सलोन (रायबरेली)। घर के बंटवारे को लेकर बेटों ने पिता के शव का मजाक बना दिया।घर के दरवाजे जमीन पर रखा पिता का शव अंतिम संस्कार के लिये आखरी सांसे ले रहा था।फिर भी बेटों का दिल दहकती धूप में नही पसीज रहा था।मौके पर मौजूद पिता के बेटो समेत वारिस बिना बंटवारे के अंतिम संस्कार के लिये तैयार नही थे।घटना स्थल पर मौजूद आस-पास के ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची यूपी 100 के हस्तक्षेप पर पिता का गोकर्ण घाट पर अंतिम संस्कार हो सका।बड़ी बहू का कहना था कि ससुर की सम्पत्ति में उसे भी हिस्सा मिलेगा।तभी शव का अंतिम संस्कार होगा।।कस्बे के ऊंचाहार रोड स्थित लक्ष्मी नारायण (85)की लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार की रात मौत हो गई।स्थानीय लोगो के मुताबिक लक्ष्मी नारायण के चार पुत्रो में राजकुमार साहू की वर्षों पूर्व स्वाभाविक मौत हो चुकी थी।उसका लड़का बब्लू साहू अपनी माँ के साथ अलग रहता है।जबकि ननकऊ मुम्बई में और शिवराम सलोन देहात में घर बनाकर रहते है।जबकि नंद किशोर उर्फ गुड्डू पिता के साथ रहकर उनकी सेवा सत्कार करता था।वृद्ध ने निधन से कुछ माह पूर्व अपने सबसे छोटे बेटे नन्द किशोर की पत्नी के नाम अपनी सम्पति का बैनामा कर दिया था।शुक्रवार की रात वृद्ध की मौत हो गई।वही सुबह अंतिम संस्कार से पूर्व दोनों लड़के अपनी पत्नियों और भतीजे के साथ आ धमके।मृतक की बहू और भतीजा बब्लू जमीन के बंटवारे को लेकर जमकर हंगामा काटने लगा।तीन घण्टे तक वृद्ध का शव घर के सामने बेटे और बहू के त्रियाचरित्र के आगे शर्मिंदा होता रहा।सूचना पर पहुचीं पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शव अंतिम संस्कार के लिए गोकर्ण घाट के लिए रवाना हुआ।स्थानीय लोगो का कहना था कि मृतक के खाते में लाखों रुपये थे।जिसे तीनो बेटों ने निकाल कर आपस में बांट लिया।और पिता को सबसे छोटे भाई के पास छोड़ दिया।उसी ने अपने पिता की सेवा की।तभी वृद्ध ने पूरी सम्पत्ति छोटे नंद किशोर की पत्नी के नाम कर दी है।

अनुज मौर्य /प्रदीप गुप्ता रिपोर्ट

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