करोड़ों खर्च होने के बाद भी भरस्टाचार के भेंट चढ़ गया ऊंचाहार का प्लेटफार्म

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ऊंचाहार (रायबरेली)। वीवीआईपी जिले मे सुमार रायबरेली का ऊंचाहार रेलवे स्टेषन इन दिनो करोड़ों के घोटाले के मामले में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि यहां पर करोड़ों की लागत से प्लेटफार्म बनाया गया लेकिन प्लेटफार्म जगह-जगह पर धंस गया है। प्लेटफार्म धंसने की यदि जांच निष्पक्षता से हो जाए तो एक बड़ा घोटालाना खुल सकता है।

हम बात कर रहे है ऊंचाहार रेलवे स्टेशन का जहां पर रेलवे विभाग ने करोडा़ें रूपए की लागत से प्लेटफार्म का सौंन्दर्यीकरण व चौड़ीकरण का कार्य किया गया। जिसमे इस स्टेषन को जिले से उच्च स्तरीय सुख सुविधा से रेलवे विभाग ने नवाजा। जिसके लिए करोड़ों रुपए खर्च भी किया लेकिन लूटखसोट के कारण यहां पर खर्च पैसों के बाद यहां की दषा बिल्कुल दयनीय है। यहां पर प्लेटफार्म एक है जिसकी बाउंड्री बने तीन माह भी नहीं गुजरा कि ढहना प्रारंभ हो गयी है। प्लेटफार्म पर टीनसेट लगे है लेकिन ऊपर के टीन सेड तक गायब हो गए है। प्लेटफार्म नंबर 2 व 3 में भी प्लेटफार्म जगह-जगह धंसा हुआ है और तो और टीन सेड तक के पोल धंस जाने से उसके नीचे बैठने तक की असुविधा है। यहां की दसा की बात करें तो दयनीय है। प्लेटफार्म पर फूसफास उगने से जंगली जानलेवा सर्प, बिच्छू व छबुंदवा व सियार तक का यहां पर दिन रात्रि का वास होता है। जिसके कारण आने जाने वाले यात्रियों को जान जोखिम में डालकर आना जाना पड़ता है। यहां पर सुविधाआें के नाम पर खर्च पैसों का दुरूपयोग होने को बताया गया है। ग्रामीण राममनोहर, रामआसरे, राजेन्द्र, जगदेव कहते है कि यदि प्रकरण की रेलवे विभाग के उच्च स्तरीय अधिकारियों के द्वारा जांच किया गया तो बड़ा घोटाला खुलना तय है।

इन गाडि़यों का है आवागमन
ऊंचाहार होकर आने जाने वाली गाडि़यां में त्रिवेणी एक्सप्रेस, गंगागोमती, नौचंदी एक्सप्रेस, इंटरसिटी लखनऊ से प्रयाग, बरेली पैसेंजर, कानपुर से ऊंचाहार वाया रायबरेली पैसेंजर, कानपुर से प्रयाग पैसेंजर, ऊंचाहार एक्सप्रेस, कानपुर से प्रयागराज के मध्य चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस व रायबरेली से ऊंचाहार पैसेंजर के अलावा मालगाडियो का आवागन होता है।

यहां से जाते है हजारों यात्री
ऊंचाहार के नगर से लेकर आसपास के जिला प्रतापगढ़, फतेहपुर, कौषाबी, उन्नाव, अमेठी आदि समेत जिला रायबरेली के हजारों यात्रियों का इस स्टेषन से आना जाना होता है लेकिन उनके सुख-सुविधाओं के नाम पर पैसा तो खर्च होता है लेकिन खाऊ-कमाऊ ठेकेदारों के चक्कर मे पैसों का बन्दरबांट हो जाता है, जिसके कारण सुविधाएं होने के बाद वह खराब हो जाती है जिसके कारण वह सिर्फ नैन सुख तक ही सीमिति रहता है।

स्टेशन अधीक्षक बोले
स्टेषन अधीक्षक कार्यवाहक श्रीमोहन ने बताया कि प्लेटफार्म तो हाल ही मे बना था जिसके बने तीन माह भी नही हुए कि धंस गया है जिसके टीन सेट व बाऊंड्री ढही है यहां की असुविधाओं के संदर्भ मे विभागीय लिखापढी किया जाएगा जिसको उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा जिसके बाद आरोपियों पर शिकंजा कसा जाएगा जिसमे कोई ढिलाई नही बरती जाएगी।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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