कूड़े के ढेर पर रहने को मजबूर रेलवे कर्मचारियों का परिवार, कारण है ये

157

ठेकेदारों और अफसरों की मनमर्जी, नाला खुदवा कर बंद कर दिया सीवर लाइन सुबह उठकर खुले में शौच जाते हैं सरकारी कर्मचारियो के परिवारजन

रायबरेली: रेलवे स्टेशन रायबरेली के ठीक सामने स्थित रेलवे कॉलोनी का हाल बद से बदतर है लगभग 6 वर्षों से 300 मीटर के नाले का निर्माण चल रहा है रुक- रुक कर चलते इस निर्माण कार्य से निवास कर रहे सरकारी कर्मचारियों के परिवारों का बुरा हाल है। लगभग 10 फुट गहरा नाला खोदकर मिट्टी को कॉलोनी के पीछे स्थित शौचालय में डंप कर दिया गया है जिससे नाली व शौचालय से निकलने वाला गंदा पानी रुक गया है लोगों ने आगे आगे की कमरे में नहा धोकर गुजर बसर कर रहे हैं शौचालय के लिए वह सुबह 4:30 बजे जागकर खुले मैदान में शौच करने जाते हैं रह रहे छोटे बच्चों का हाल और भी बुरा है। रेलवे अधिकारियों और ठेकेदारों से सांठगांठ से महज 300 मीटर के निर्माण में 6 वर्ष का लंबा समय लग गया। घटिया सामग्री के साथ वर्षों से चल रहे इस निर्माण कार्य में जमकर धांधली हुई है इस खेल में रेलवे के करोड़ों रुपयों का चूना लगाया गया है। ईट के नाम पर पीली ईट, मौरंग के नाम पर बालू से जमकर खेल हुआ 6 महीने के अंदर बने नाले में दरार पड़ गए हैं नाला धसने लगने लगा है। दरसल ठेकेदारों के कार्य की जांच की जिम्मेदारी जिन भ्रष्ट अफसरों पर है उसका हिस्सा उन अधिकारियों तक पहुंचता है जो लखनऊ में बैठकर ही नाले की स्थिति देखकर पैसा पास कर देते हैं। नरेंद्र मोदी की सरकार में जो भ्रष्टाचार और दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही को प्राथमिकता देने का लाख वादे करती है वही रायबरेली में भ्रष्टाचार का खेल परवान चढ़ा लखनऊ में बैठे ठेकेदारों ने पैसे हड़पे तो विकास का नाम पर राजनीति करने वालों ने इस सच को नहीं देखा। नाम ना छापने की शर्त पर रेलवे कर्मचारियों के परिवार जनों ने बताया यदि हम लोग विरोध करते हैं तो लखनऊ में बैठे अधिकारी उल्टे उन कर्मचारियों पर ही कार्यवाही करने लगते हैं ऐसे में जो हो रहा है उसको बर्दाश्त कर रहे हैं। तो सवाल यह उठता है आखिर आम जनमानस करे तो क्या करें आज हालात अंग्रेजों की गुलामी से भी बदतर है लोग सरकारी नौकरी कर कर खुले में शौच जा रहे हैं घर परिवार प्रताड़ित हो रहे हैं मच्छरों की तादाद गंदे पानी में पनप रही है पूरा नाला गंदे पानी से भरा हुआ है पानी निकलने का काम नहीं किया जा रहा हर महीने लाखों रुपए सफाई के नाम पर बर्बाद किया जा रहा है जिसका कोई लेखा जोखा है नहीं ग्राउंड पर कोई काम हो नहीं रहा है महज कुछ कर्मचारियों के बदौलत सफाई की व्यवस्था है ऐसे में आखिर कौन सी राजनीति की रोटी सफाई और विकास के नाम पर से की जा रही है उसको देखना है रायबरेली रेलवे स्टेशन के ठीक सामने स्थित रेलवे कॉलोनी को देख लीजिए सरकारी हालात भ्रष्टाचार का वृहद रूप खुलकर सामने आ जाएगा। दूसरी बात अगर की जाए तो पानी कुछ इस तरह से बर्बाद किया जा रहा है वह खुला खेल फर्रुखाबादी है रेलवे कॉलोनी में पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने के नाम पर करोड़ों रुपए का प्रोजेक्ट रायबरेली में पास किया गया लेकिन इसमें भी जमकर लूट हुई पूरे कॉलोनी की पाइपें टूटी हुई है लगातार पानी उनसे टपक रहा है जिससे हजारों लीटर पानी रोज बर्बाद होता है गर्मी की ऋतु में जहां एक -एक बूंद पानी के लिए लोग तरसते हैं तो रेलवे खुलेआम पानी को बर्बाद कर रहा है। रेलवे कर्मचारियों के आवास पर जाकर देखने पर पानी की पाइप में टूटी ही नहीं मिली खुलेआम पानी लगातार बह रहा है रेलवे का जिम्मेदार विभाग हजारों प्रार्थना पत्र देने के बाद भी पेयजल व्यवस्था नहीं दुरुस्त की समूचे विभाग के हालात बद से बदतर हैं हाल में ही रेलवे जनरल मैनेजर का दौरा हुआ था लेकिन उन्होंने भी एक बारगी रेलवे कॉलोनी का निरीक्षण करने की जहमत नहीं मीडिया से बात करते समय उन्होंने झूठ बोला उनका कहना था स्टेशन के साथ-साथ कॉलोनी का भी निरीक्षण किया गया है और वह यह झूठ सामने बोल कर चले गए। जबकि दूसरी ओर रेलवे यूनियन में शामिल कर्मचारी उनके सामने जर्जर आवास दूभर व्यवस्था के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे उन्होंने उन कर्मचारियों से मुलाकात भी नहीं कि ऐसे में यह था साफ झलकता है कहीं ना कहीं जिम्मेदार बड़े अधिकारी ही हैं जिनके जानकारी में ही वृहद पैमाने पर भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

Previous articleबिजली की चिंगारी से लगी आग ने चार घरों को जलाकर किया राख आग की चपेट मे आए मवेशी भी झुलसे
Next articleसोनिया गाँधी खिलाफ दिनेश सिंह ने भाजपा से सांसद प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र किया दाखिल