गरीब महिला मरीज थीं कोमा में और नर्स ने उसकी मदद करने की लगाई कीमत, नहीं पसीजा नर्स का दिल

201

मैं तो 450 की दूगी, बाहर 600 की मिलती है, तुम गरीब हो तो लगवाई 200 दे देना

रायबरेली। कहने को तो जिला अस्पताल में सब फ्री है, किन्तु फ्री में मिलने वाली सेवाओं की कीमत जिला अस्पताल की नर्सें तय करती है।आइये बातचीत के कुछ अंश बताते है–

तीमारदार अपने मरीज के पास बैठा है,चादर गंदी है,मरीज के पैर की एड़ी में सड़न पैदा ही गई हैओ,वह अमावां से आई है।तभी एक नर्स आती है।।

नर्स:तुम्हे बोला था न कि पेशाब की थैली लगवा दो इसको,बाहर 650 रुपये की मिलती है और 300 रुपये लगाने के पड़ते है।तुम गरीब हो इसलिए मैं तुम्हे 450 रुपये की दूँगी और लगवाई 200 रुपये लूंगी।
तीमारदार: मैडम पैसे नही है,इंतजाम करूँगा तो दूंगा।

तीमारदार चौराहे की तरफ जाता है और एक मेडिकल स्टोर पर मूल्य पता करता है तो उसे 130 रुपये बताया जाता है और 100 रुपये में सौदा तय होता है।इधर तीमारदार से मुलाकात हो जाती है भाजपा नेता से और होती है बातचीत-

नेता जी: थैली कहाँ ले जाओगे।
तीमारदार: बाबू जी अस्पताल में मरीज है।अस्पताल के अंदर नर्स मैडम महंगी बता रही है। (पूरी बात बताता है)
पांडेय जी: चलो मैं चलता हूं,कौन नर्स है।
तीमारदार के साथ नेता जी अस्पताल पहुचते है,पता करते है तो नर्स का नाम रूबी पता चलता है,उनकी ड्यूटी 8 बजे खत्म हो गयी थी।

दूसरे दिन का माहौल देखिए—
नेता जी पहुँच गए अस्पताल, देखा कि नर्स रूबी डांट रही है,कल तुमसे पेशाब की थैली के बारे में बात की थी।तुम नही सुनें।पैसे की व्यवस्था हुई कि नही।

तीमारदार: मैडम ये ले आये है…..
नेता जी सब देख और सुन रहे थे..
नेता जी बोल पड़े
मैडम जी कल जो पैसा कह रही थी ले लो और थैली लगा दो।
नर्स हड़बड़ाते हुए थैली अस्पताल में नही है….
नेता जी: अरे थैली हम ले आये है।कल आप 450 रुपये की दे रही थी न।

तभी बगल के वार्ड से भी एक मरीज का तीमारदार आया और बोला मैडम ने हमसे भी पैसे लिए,इसी तरह 50 से 60 लोगों की भीड़ जमा, अधिकतर यही कह रहे थे कि मैडम ने पैसा हमसे भी ले लिया है।

अब मामला पहुँच गया सीएमएस के पास,ओ बोले इनके हम स्थानांतरित कर देंगे, आप लोग कोई कार्यवाही न करें।

ये तो सिर्फ एक बानगी है साहब !इसी तरह न जाने कितने गरीबो की सेहत के साथ खिलवाड़ होता है।लेकिन गरीब व्यक्ति कुछ कह नही पाता, उसके खून पसीने से कमाई गयी दौलत को सरकारी तनख्वाह उठाने वालों के द्वारा चूस लिया जाता है,लेकिन उन्हें यह बाद में पता चलता है कि “अनैतिक तरीके से कमाया गया धन,अनैतिक रास्ते से चला जाता है,जिन बच्चों के लिए उस धन का उपयोग किया जाता,वही बाद धन कमाने लायक नही बन पाते।। नौकरी तो लोग करते है,लेकिन सुकून नही पाते।।

खैर छोड़िये इन बातों को, अब देखना यह है कि नर्स को बर्खास्त किया जाता है या निलंबित।
यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

अनुज मौर्य/पवन मौर्य रिपोर्ट

Previous articleखलिहान की भूमि पर अवैध कब्जा करना दबंगों को महंगा पड़ा, एसडीएम का चला हंटर
Next articleबेटी को साइकिल देकर वापिस घर नहीं लौट सका पिता