गुरुता की राह

196

एक नव दीक्षित शिष्य ने अपने गुरु से कहा- गुरुदेव, मेरा भी मन करता है कि आपकी ही तरह मेरे भी कई शिष्य हों और सभी मुझे आप जैसा ही मान-सम्मान दें। गुरु ने कहा-कई वर्षों की लंबी साधना के पश्चात तुम्हें भी एक दिन यह सब प्राप्त हो सकता है। शिष्य ने कहा-इतने वर्षों बाद क्यों गुरु ने शिष्य को तख्त से उतरकर नीचे खड़ा होने को कहा। फिर स्वयं तख्त पर खड़े होकर कहा-जरा मुझे ऊपर वाले तख्त पर पहुंचा दो। शिष्य बोला-गुरुदेव! भला मैं खुद नीचे खड़ा हूं, फिर आपको ऊपर कैसे पहुंचा सकता हूं इसके लिए तो पहले खुद मुझे ही ऊपर आना होगा। गुरु ने कहा-ठीक इसी प्रकार यदि तुम किसी को अपना शिष्य बनाकर ऊपर उठाना चाहते हो तो तुम्हारा उच्च स्तर पर होना भी आवश्यक है। शिष्य गुरु का आशय समझ गया।

Previous articleतार्किकता की तलाश : वंचितों को पहले मिले अवसर
Next articleजिम्मी शेरगिल और माही गिल की जोड़ी फिर से मचाएगी धमाल