जल्द ही सस्पेंड हो सकते हैं भ्रष्टाचार के आरोपी कानूनगो उपेंद्र सिंह!

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रायबरेली। अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्दी ही कानूनगो उपेंद्र सिंह सस्पेंड हो सकते है! भ्रष्टाचार के आरोपी इस कानूनगो पर लगे आरोप लगभग प्रमाणित हो चुके। अगर जांच रिपोर्ट में कोई खेल न हुआ और यह कानूनगो अपना दबाव व प्रभाव न दिखा सका तो सस्पेंशन तय माना जा रहा है। नजरें टिकी है तो केवल महाराजगंज एसडीएम शालिनी प्रभाकर की उस रिपोर्ट पर जिस पर कानूनगो उपेंद्र सिंह लगभग पूरी तरह दोषी करार दिया जा चुके हैं। सूत्रों की माने तो कार्रवाई के डर से छटपटा रहे कानूनगो ने रिपोर्ट को लेकर तमाम राजनैतिक टीकम लगाने शुरू कर दिए हैं। फिल्म वक्त पूरे मामले का नतीजा अभी समय के गर्भ में हैं।
      मामले में ग्राम जमुनापुर (ईश्वरदास पुर),तहसील ऊँचाहार निवासी गीता सिंह पत्नी अमर बहादुर सिंह ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी कि राही के राजस्व निरीक्षक उपेन्द्र सिंह ने जमीन नापने के बदले उससे पचास हजार रुपये माँगे थे,जो उसने अपने पुत्र अजीत सिंह के माध्यम से राजस्व निरीक्षक को दिला दिये।राजस्व निरीक्षक उन्हे महीनों तक टालता रहा,लेकिन जमीन नहीं नापी। गीता ने डीएम को बताया था कि इसी दौरान राजस्व निरीक्षक ने उसके प्रतिपक्षियों से पचास हजार से ज्यादा रकम वसूल ली और अन्त में पैमाइस करने से मना कर दिया। जानकारी के मुताबिक जिलाधिकारी ने शिकायत की जाँच करायी तो शिकायत प्रमाणित हो गयी, और डीएम में कानूनगो को सदर तहसील से हटाकर कलेक्ट्रेट के शिकायत प्रकोष्ठ से अटैच कर दिया था। और पूरे प्रकरण की जांच उप जिलाधिकारी महाराजगंज शालिनी प्रभाकर को सौंपी थी। sdm शालिनी प्रभाकर ने शिकायतकर्ता को बुलाकर जिस तरह की छानबीन की वैसी छानबीन तो बड़ी-बड़ी जांच एजेंसी अभी नहीं करती। उन्होंने पहले शिकायतकर्ता से मौखिक बयान लिए, दोबारा उन्होंने शिकायतकर्ता के बयान रिकार्ड किए और शिकायतकर्ता की शिकायत की सच्चाई परखने के लिए तीसरी बार sdm महराजगंज ने शिकायतकर्ता से वही बयान शपथ पत्र पर लिखकर लाने को कहा। यही नहीं उप जिलाधिकारी महाराजगंज शालिनी प्रभाकर ने शिकायतकर्ता से रिश्वत में दी गयी रकम में नोटों की अलग-अलग संख्या भी पूछी। नोट कब, कैसे और कहां दिए गए? रिश्वत की जानकारी किस-किस को थी? शिकायतकर्ता द्वारा वीडियो क्यों बनाया गया? ऐसे तमाम सवाल शालिनी प्रभाकर ने दागे, जिसका बड़ी बेबाकी से जवाब शिकायतकर्ता ने दिया। तहसील सूत्रों की माने तो शिकायतकर्ता द्वारा दिया गए  साक्ष्य और बयानों के आधार पर कानूनगो पर भ्रष्टाचार के आरोप लगभग  तय माने जा रहे हैं। संबंध में शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे जनपद के ईमानदार जिलाधिकारी पर विश्वास है कि वह भ्रष्ट कर्मचारी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे। इस संबंध में उप जिलाधिकारी महाराजगंज  शालिनी प्रभाकर ने बताया कि जांच प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि जल्द रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी और उसके बाद आप डीएम साहब से जानकारी कर लेना।

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