जानिए कैसे करें दीवाली की पूजा और किस मंत्र के उच्चारण से होगा लाभ

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मंगलवार को छोटी दीवाली का उल्लास पूरे देश में देखने को मिला. आज बड़ी दीवाली है और आज के दिन लोग शाम को अपने घरों में दिए जलाते हैं और पूजा-पाठ करते हैं.

दीवाली पर्व के उत्सव का आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. दीवाली का पांच दिवसीय पर्व धनतेरस से शुरू होता है जो छोटी दीवाली, दीवाली, गोवर्धन पूजा के बाद भाई दूज पर समाप्त होता है. मंगलवार को छोटी दीवाली का उल्लास पूरे देश में देखने को मिला. आज के दिन लोग शाम को अपने घरों में दिए जलाते हैं और पूजा-पाठ करते हैं. आइए आपको बताते हैं कि दीवाली की पूजा करने का आसान तरीका क्या है. साथ ही आपको बता दें कि किस मंत्र के उच्चारण से होगा लाभ

-आज प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए

-मां लक्ष्मी की पूजा पूरब की तरफ मुंह करके करें

-पूजा में सारे घरवाले साथ बैठें

-दक्षिण की तरफ मुंह करके मां लक्ष्मी की पूजा नहीं करनी चाहिए

-घर के मेनगेट पर रंगोली बनाएं

-घर के दरवाजे और आंगन में धार्मिक चिह्न बनाएं

-घर को सजाएं

-पूजा के लिए थाली सजाएं

-पूजा की थाली में कौड़ी जरूर रखें

-कौड़ी मां लक्ष्मी का प्रतीक है

-कौड़ी का लॉकेट पहनने से धन का संकट दूर होता है

-दीवाली पूजा की कौड़ी को तिजोरी में रखने से मां लक्ष्मी की कृपा होती है

-कटोरियों में दिवाली पूजा के लिए सात अनाज निकालें

-अनाज में ज्वार जरूर रखें

-पंचमेवा लें

-रोली लें

-साबुत चावल लें

-चंदन लें

-5 दीपक आटे के लें

-पूजा के लिए घी या तेल लें

-पूजा के लिए मौली लें

-पूजा के लिए फल लें

-खील और बताशे लें

-चीनी से बने खिलौने रखें

-दूर्वा लें

-चांदी या सोने का सामान पूजा में रख सकते हैं

-दीप जलाएं

-मां की आरती उतारे

-सबसे पहले गणेश जी को भोग लगाएं

-गणेशजी के बाद मां लक्ष्मी को भोग लगाएं

-लक्ष्मीजी के बाद कुल देवता को भोग लगाएं

-कुल देवता के बाद ईष्ट को भोग लगाएं

-पांचवा भोग पित्तरों को लगाएं

-छठा भोग गुरू को लगाएं

-सातवां भोग मां-बाप के लिए निकालें

-जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन और धन निकालें

-भोजन और धन का एक हिस्सा 8 साल से छोटी कन्या के लिए निकालें

-गाय के लिए ग्रास निकालें

-11 आहुतियों का हवन करें

-हवन में ऊं ऐं ह्रीं क्लीं नमस चंडिकाय स्वाहा से आहुति दें

-घर के सारे लोगो दरवाजे पर सात अनाज का ढेर लगाएं

-अनाज के हर ढेर पर एक दीपक जलाएं

-ऊं महालक्ष्मयै नम: ऊं विष्णु पर्याय नम: ऊं श्रीं नम: का जप करें

-चांदी की कटोरी में दूध लेकर चंद्रमा की तरफ मुंह करके गमले में डाल दें

-मिट्टी की बर्तन में सिंदूर और शहद लेकर पूजा में रखें

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