दो डीएम, दो एसपी और 34 थाने, फिर भी हो गयी पुजारी की हत्या!

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Raebareli News : मंदिर बचाने के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे पुजारी का मंदिर गेट पर लटकता मिला शव

मंदिर बचाने के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे पुजारी का मंदिर गेट पर लटकता मिला शव

सच साबित हो गई अधिकारियों से खुद की हत्या होने की संभावना जताने वाले पुजारी की आशंका

रायबरेली। अपनी हत्या की आशंका जता रहे एक पुजारी के मामले को जमीनी और मंदिर की भूमिका विवाद बता कर पल्ला झाड़ने वाली ऊंचाहार की स्थानीय और जिले की रायबरेली पुलिस के लिए इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है कि नये वर्ष के दूसरे दिन ही उसे उसी पुजारी के लटकते शव का सामना करना पड़े। पुजारी की हत्या के बाद उसके शव को मंदिर के गेट के सामने लटका दिया गया। सुबह जब ग्रामीणों ने यह नजारा देखा तो वह सन्न रह गए। ग्रामीणों की आंखों के सामने पुजारी का वह दावा नाचने लगा जिसमें वह अक्सर कहा करते थे कि उनकी हत्या होने वाली है। पल भर में ही गांव में छाया नए वर्ष का जश्न मातम में तब्दील हो गया। पुजारी और मंदिर में अगाध आस्था रखने वाले लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। प्रशासनिक निष्क्रियता और पुजारी को खोने के गुस्से से लाल हो चुके ग्रामीण हाथों में लाठी डंडे लेकर मंदिर के गेट के पास आ गए। सूचना पर जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री अपर पुलिस अधीक्षक शशी शेखर सिंह भारी मात्रा में पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंचे। समाचार लिखे जाने तक ग्रामीणों उतरवाने को तैयार नहीं थे। ग्रामीणों की मांग थी कि मौके पर सूबे के मुखिया महंत योगी आदित्यनाथ आए क्योंकि उनके शासन में पुजारी की हत्या होना कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है। फिलहाल जनपद के आलाधिकारी ग्रामीणों की मान-मनव्वल में जुटे हैं। मृतक पुजारी द्वारा घोषित किए गए पीठाधीश्वर ने भी अमेठी जिले के प्रशासन से न्याय और सुरक्षा की गुहार लगाई थी। इस तरह दो जिलों में मंदिर को बचाने के लिए न्याय ढूंढ रहे पुजारी को नहीं बचाया जा सका है। अमेठी में डीएम-एसपी के अलावा 15 थाने स्थापित हैं और रायबरेली में भी डीएम एसपी के अलावा 19 थानों की स्थापना है। इस तरह इस मंदिर प्रकरण में दोनों जनपदों के जिला प्रशासन की नजर होने के बावजूद इस घटना का होना व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है मौके पर मौजूद नाराज ग्रामीणों का कहना था कि दोनों जनपदों के 34 थानों की पुलिस और दो-दो डीएम-एसपी होने के बावजूद भी पुजारी की हत्या हो गई है जो शर्मनाक है।

मामला ऊंचाहार कोतवाली क्षेत्र के बाबा का पुरवा मजरे इटौरा बुजुर्ग के राम जानकी मंदिर का है। इस मंदिर की देखरेख और पूजा पाठ की जिम्मेदारी पुजारी बाबा प्रेमदास के कंधों पर थी। मंदिर की जमीन को लेकर एक लंबे समय से विवाद चल रहा था। पुजारी का आरोप था कि कुछ भूमाफिया किस्म के लोग मंदिर की जमीन को हड़पना चाहते हैं। यही नहीं जमीन को हड़प कर बाउंड्री वाल भी बना ली गई थी। जिसके बाद मामला कोर्ट पहुंच गया था। इस दरम्यान बाबा प्रेमदास को तरह तरह से डराने और धमकाने की कोशिशें हुई। मुकदमे में फंसा कर उनका मनोबल कमजोर करने के प्रयास किए गए। तमाम प्रताड़ना और धमकियों के बावजूद भी पुजारी प्रेमदास मंदिर को बचाने के संकल्प पर अडिग रहें। हाल ही में पुजारी रामदास ने अमेठी जनपद के बहुचर्चित मौनी बाबा को मंदिर का पीठाधीश्वर घोषित कर दिया था। मंदिर का पीठाधीश्वर बनने के बाद मौनी बाबा मैं अमेठी के जिला अधिकारी और एसपी से अपनी जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी मौनी बाबा को भी आशंका थी कि मंदिर की भूमि हड़पने वाले भूमाफिया उन्हें भी मौत के घाट उतार सकते हैं। इस संबंध में डीएम अमेठी ने रायबरेली जिला प्रशासन से मंदिर से संबंधित विवाद और अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी थी। अभी हाल ही में नव घोषित पीठाधीश्वर मौनी बाबा मंदिर परिसर पहुंचे थे और जमीन को मुक्त कराने के लिए प्रदर्शन भी किया था। घटना की जानकारी होने पर डीएम रायबरेली संजय कुमार खत्री और एसपी सुनील कुमार सिंह मौके पर पहुंच गए हैं। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए भारी मात्रा में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है। एसपी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि मंदिर के गेट के पास पुजारी का लटकता हुआ शव बरामद किया गया है मामले की गहनता से तहकीकात की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद हत्या और आत्महत्या का पता चलेगा। एसपी ने कहा कि अगर मामला हत्या का है तो हत्यारों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा। उन पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। उधर पुलिस को 100 उतारने से मना करने वाले नाराज ग्रामीण मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ के मौके पर आने की मांग कर रहे हैं। फिलहाल जिला प्रशासन को मौनी महाराज के आने का इंतजार है। प्रशासन को उम्मीद है कि उनके आने के बाद शायद शव को उतारा जा सकेेे और आगे की कार्यवाही पूरी हो।

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