नहीं रहे जिले के पत्रकार पुरोधा कपिल दत्त अवस्थी

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रायबरेली। जनपद की पत्रकारिता के इतिहास में 24 और 25 सितंबर की तारीखें दुर्दिनों के लिए याद की जाएंगी। 24 सितंबर ने एक ऐसे पत्रकार साथी दिलीप सिंह को हम लोगों से छीन लिया जिससे पत्रकारिता को बड़ी उम्मीदें थी और 25 सितंबर ने एक वटवृक्ष पंडित कपिल दत्त अवस्थी को उखाड़ दिया। पत्रकारिता का एक ऐसा वटवृक्ष जिसकी छांव में सभी पत्रकार आनंद और गर्व की अनुभूति करते थे। बीते काफी दिनों से बीमारी से जूझ रहे वरिष्ठ पत्रकार दादा कपिल दत्त अवस्थी जिंदगी की जंग हार गए। उन्होंने सोमवार को रात करीब आठ बजे मेडिकल कालेज लखनऊ मंे अंतिम सांस ली। रायबरेली की पत्रकारिता के इतिहास पुरुष और पत्रकारिता के इनसाइक्लोपीडिया कहे जाने वाले पंड़ित कपिल दत्त अवस्थी पत्रकारों के संरक्षक मार्गदर्शक थे। कदम-कदम पर सचेत करना और मार्गदर्शन करना कपिल जी का अपना स्वभाव था। बिल्कुल वैसा ही जैसा घर के बुजुर्ग अपने बच्चों को शिक्षा-दीक्षा और संस्कार देते चलते थे। कपिल जी केवल पत्रकारिता ही नहीं रायबरेली के इतिहास के भी इनसाइक्लोपीडिया थे। इतिहास उनकी जुबान पर होता था। पांच दशक की पत्रकारिता के अलावा भी उनके सामाजिक योगदान उनकी पत्रकारिता से कहीं अधिक बड़े थे। उनकी सामाजिकता की सीखें ही लोगों को पत्रकारिता से इधर कुछ अच्छा करने की प्रेरणा सदैव देती रही। मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार डलमऊ गंगा के तट पर किया गया।

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