पशु आश्रय केंद्रों की राह में अवैध कब्जे बन रहे बड़ी बाधा

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लखनऊ।  जहां एक ओर सरकार व प्रशासन किसानों को आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए पशुआश्रय केंन्द्रों की योजना में अवैध कब्जे बड़ी बाधा बनकर सामने आ रहे हैं वहीं तमाम शिकायतों के बाद तहसील अफसर पशुआश्रय केंन्द्रों के निर्माण के लिए पशुचर जमीनों से अवैध कब्जा खाली नही करा पा रहे हैं।  लिहाजा तहसील मोहनलालगंज में अब तक एक दर्जन पंचायतो में ही केंन्द्र निर्माण कार्य प्रगृति पर है। तहसील मोहनलालगंज में आने वाली ग्राम सभाओं में आवारा पशुओं के झुंडों ने किसानों की फसल को बर्बाद कर रखा है। दिन-रात रखवाली के बाद भी किसानों के लिए अपनी फसलों को बचा पाना नामुमकिन साबित हो रहा है। शासन के सख्त तेवरों के बावजूद भी ब्लॉक अधिकारियों ने अधिक से अधिक ग्राम पंचायतों में इन केंद्रों के निर्माण के लिए ग्राम पंचायत सचिव व तकनीकी सहायकों की टीम को उपयुक्त पशुचर भूमि चिन्हित करने के लिए जुटाया है। दूसरी ओर पंचायत प्रतिनिधियों की माने तो मीरखनगर, शेरपुर लवल, गोविंदपुर,  गौरा, सिसेंडी, परेहटा, दहियर , खुजौली,  देवती, जमालपुर ददूरी,   एटीए नगराम और इंद्रजीत खेड़ा समेत अधिकतर ग्राम पंचायतों में पशुचर की जमीनों पर ब्यापक पैमानों पर अवैध कब्जे हैं।  इस सूरत में ग्राम प्रधानों व सचिवो को पशुआश्रय केंद्रों के निर्माण के लिए पशुचर जमीन खोजपाना एक चुनौती बनी है। गौरा गाँव में तो चिन्हित भूमि पर अवैध कब्जे की हकीकत उपजिलाधिकारी स्वयं देख चुके है। बावजूद उसके भी कार्यवाही के नाम पर तहसील अधिकारियों के कान पर अब तक जूं नही रेंगी । उपजिलाधिकारी सूर्यकांत त्रिपाठी के मुताबिक अवैध कब्जे हटवाने के लिए तहसीलदार मोहनलालगंज को राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम गठित कर अभियान चलाकर कार्यवाही के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

 

रिपोर्ट : प्रमोद राही

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