बरेली: 106 पुलिसकर्मियों पर सरकारी आवास कब्जा करने का आरोप, दर्ज हुई FIR

70

दरअसल जिन 106 पुलिस वालों पर एफआईआर दर्ज की गई है उन सभी पर आरोप है की उन्होंने सरकारी आवासों पर लम्बे समय से कब्जा कर रखा है. ये वो पुलिसकर्मी हैं जिनका कई महीने पहले या कुछ सालों पहले ट्रांसफर हो चुका है लेकिन तबादला होने के बावजूद इन पुलिसवालों ने सरकारी आवास खाली नहीं किये.

बरेली: बरेली में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया जहां जनता की रक्षा करने वाले 106 पुलिस वालों पर एफआईआर दर्ज की गई है. जिले के सात थानों में एक साथ ये एफआईआर दर्ज की गई है. इन सभी पुलिसकर्मियों पर सरकारी आवास कब्जा करने का आरोप है.

एसपी सिटी के आदेश पर दर्ज हुई एफआईआर

बरेली में एसपी सिटी अभिनन्दन सिंह के आदेश पर सात अलग-अलग थानों में 106 पुलिसवालों पर एफआईआर दर्ज की गई है. बरेली के किला, सुभासनगर, प्रेमनगर, इज़्ज़तनगर, कोतवाली, बारादरी और कैंट थाने में 106 पुलिसवालों पर एफआईआर दर्ज की गई है. पिछले 24 घंटो में बरेली के अलग-अलग थानों में इतनी बड़ी संख्या में एफआईआर दर्ज होने से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.

पुलिस वालों ने सरकारी आवाज़ पर किया कब्जा

दरअसल जिन 106 पुलिस वालों पर एफआईआर दर्ज की गई है उन सभी पर आरोप है की उन्होंने सरकारी आवासों पर लम्बे समय से कब्जा कर रखा है. ये वो पुलिसकर्मी हैं जिनका कई महीने पहले या कुछ सालों पहले ट्रांसफर हो चुका है लेकिन तबादला होने के बावजूद इन पुलिसवालों ने सरकारी आवास खाली नहीं किये.

कई बार नोटिस देने के बाद भी नहीं सुधरे पुलिसकर्मी

एसपी सिटी अभिनन्दन सिंह ने बताया कि जिन 106 पुलिस वालों पर मुकदमा दर्ज हुआ है उन सभी को पहले कई बार चेतावनी दी गई और नोटिस भी दिए गए लेकिन पुलिस वालों ने ना तो नोटिस का कोई जबाब दिया और न ही सरकारी आवास खाली किये. जिस वजह से आईपीसी की धारा 447 और 29 पुलिस एक्ट के तहत शहर के 7 थानों में एफआईआर दर्ज की गई है. हालांकि ये आकड़ा और भी बढ़ सकता है.

आवास खाली नहीं होने की वजह से पुलिस वालों को हो रही परेशानी

सरकारी आवासों पर ट्रांसफर हो चुके पुलिस वालों द्वारा कब्जा किये जाने की वजह से जो पुलिस वाले थानों पर तैनात है उन्हें आवास नहीं मिल पा रहा है और पुलिस वालों को रहने की समस्या हो रही है.

Previous articleउज्जैन में गोविन्द गजब को मिला विद्यावाचस्पति सम्मान
Next articleअवैध कब्जे की आ रहीं हैं सबसे ज्यादा शिकायतें