रॉस द्वीप को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के नाम से जाना जाएगा: पीएम मोदी

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पीएम मोदी ने कहा कि रॉस द्वीप को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के नाम से जाना जाएगा, नील द्वीप को शहीद द्वीप के नाम से जाना जाएगा और हैवलॉक द्वीप को स्वराज द्वीप के नाम से जाना जाएगा.

पोर्ट ब्लेयरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान और निकोबार के तीन द्वीपों के नाम बदलने का एलान किया है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के यहां तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ पर यह घोषणा की गई है.

पीएम मोदी ने भाषण के दौरान कहा कि रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा जाएगा, नील द्वीप को अब से शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप को स्वराज द्वीप के नाम से जाना जाएगा.

इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ने एक स्मारक डाक टिकट, ‘फर्स्ट डे कवर’ और 75 रुपये का सिक्का भी जारी किया. साथ ही उन्होंने बोस के नाम पर एक मानद विश्वविद्यालय की स्थापना की भी घोषणा की. इससे पहले मोदी ने यहां मरीना पार्क का दौरा किया और 150 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया. यहां उन्होंने पार्क में स्थित नेताजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की.

पीएम मोदी ने कहा कि रॉस द्वीप को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप के नाम से जाना जाएगा, नील द्वीप को शहीद द्वीप के नाम से जाना जाएगा और हैवलॉक द्वीप को स्वराज द्वीप के नाम से जाना जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब आजादी ने नायकों की बात आती है तो नेताजी का नाम हमें गौरव और नई ऊर्जा से भर देता है. गुलामी के लंबे कालखंड में अगर भारत की एकता को लेकर कोई शक और संदेह पैदा हुआ है, तो वो सिर्फ मानसिकता का प्रश्न है, संस्कारों का नहीं.

नेताजी का ये दृढ़ विश्वास था कि एकराष्ट्र के रूप में अपनी पहचान पर बल देकर मानसिकता को बदला जा सकता है. आज मुझे प्रसन्नता है कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत को लेकर नेताजी की भावनाओं को 130 करोड़ भारतवासी एक करने में जुटे हैं.

इससे पहले पोर्ट ब्लेयर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेल्युलर जेल में शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद सेल्युलर जेल के दौरे के दौरान पीएम मोदी ने 9-10 मिनट उस छोटी से कोठरी में बिताए जहां, वीर सावरकर को कैद रखा गया था. इस दौरान पीएम मोदी उस कोठरी में ध्यान की मुद्रा में बैठे रहे. शाम 4.30 बजे के आसपास प्रधानमंत्री ने पोर्ट ब्लेयर में 150 फुट ऊंचा तिरंगा फहराया.

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