लोगो को पेंशन के नाम पर मिली निराशा

103

डलमऊ (रायबरेली)।शासन से लेकर प्रशासन तक भले ही सरकारी सुविधाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए अथक प्रयास कर रही है लेकिन विभागीय अधिकारियों की लचर कार्यशैली की वजह से सरकार के प्रयास को धता बताया जा रहा है। समाज कल्याण विभाग की लापरवाही की वजह से सरकार की योजना जन जन तक नहीं पहुंच पा रही है। बुधवार को कुछ ऐसा ही नजारा डलमऊ तहसील में देखने को मिला। जी हां यह वही क्या गरीब है जो कई बार तहसील दिवसों में चक्कर लगाकर थक चुके हैं इसके बावजूद भी उनको पेंशन तो नहीं मिल सकी बदले में उनके हाथ निराशा जरूर लगी है। डलमऊ तहसील परिसर में जिले के नोडल अधिकारी प्रमुख सचिव खादी ग्रामोद्योग के निर्देश पर वृद्धा ,विधवा, दिव्यांग पेंशन के साथ साथ शादी अनुदान हेतु एक कैंप लगाया गया था। जिसमें नगर पंचायत के विभिन्न वार्डों सहित डलमऊ विकासखंड क्षेत्र के 76 सभाओं से हजारों की संख्या में वृद्ध भीषण ठंड ही में किसी तरह ठिठुरते हुए डलमऊ तहसील पहुंच गए। शिविर का आयोजन सुबह 10:00 बजे से होना था लेकिन अधिकारी 11:30 मिनट पर तहसील पहुंचे जिसके बाद फार्म भरे जाने लगे। लेकिन समाज कल्याण के अधिकारी ने बताया की विधवा वृद्धा दिव्यांग पेंशन क लाभ पाने के लिए आय प्रमाण पत्र जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य रहेगा। यह बात सुनकर करीब 15 किलोमीटर दूर से आए वृद्ध निराश हो गए दिव्यांग के चेहरों में मायूसी दौड़ गई। विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज नगर पंचायत के सभासदों ने इस मामले को एसडीएम जीत लाल सैनी से बताया। जिसके बाद एसडीएम ने तत्काल मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वान केंद्र के कर्मचारियों को बुलाकर आय जाति प्रमाण पत्रों के आवेदन स्वयं ऑनलाइन कराने की बात कही जिसके बाद किसी तरह नाक भौ सिकोड़ते हुए समाज कल्याण के अधिकारियों ने फार्म लेना प्रारंभ कर दिया। देर शाम तक विधवा वृद्धा तथा दिव्यांग के करीब 700 आवेदन फॉर्म आए थे। नगर पंचायत के वरिष्ठ लिपिक सोहराब अली और आउट सोर्स के कर्मचारियों सुशील कुमार गुप्ता का शिविर में विशेष योगदान रहा । ग्राम सभाओं से आ रहे वृद्ध लोगों का फार्म ठीक तरह से भरना संपूर्ण कागज की जांच पड़ताल करने का काम बखूबी निभाया दूसरे लोगों ने इनके कार्य की काफी प्रशंसा की।

अनुज मौर्य की रिपोर्ट

Previous articleचौपाल लगाकर एसडीएम ने सुनी ग्रामीणों की समस्याएं
Next articleस्वच्छ भारत मिशन को पलीता : स्कूल में शौचालय होने के बाद भी बाहर जा रहे बच्चे