सड़क के लिये ग्रामीणों को करना पड़ रहा, प्रदर्शन।

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खीरों ब्लाक के सगुनी ग्राम पंचायत का मामला

खीरों (रायबरेली) । सूबे की योगी सरकार जहां सड़क,सुरक्षा,पेयजल के लिए अनेकों योजनाओं को चलाकर अंतिम व्यक्ति तक सरकार की सुविधाओं को पहुंचाने का कार्य कर रही है लेकिन वहीं पर सरकार के ही बैठे कारिंदे सरकार की इस मंशा को चकनाचूर करने में तुले हैं सरकार विकास के नाम पर ग्राम पंचायतों के ऊपर खूब धन वर्षा करती है लेकिन ब्लॉक में बैठे अधिकारियों,कर्मचारियों तथा प्रधानों की सांठगांठ से न तो चलने के लिए सुरक्षित सड़क मिल पा रही है और ना ही रहने के लिए आवास आखिर विकास का ढिढोरा पीटने वाली सरकार ऐसे अधिकारियों पर कब कार्यवाई करेगी,सरकारी मुलाजिम सिर्फ हवा हवाई ही काम करने पर तुले हैं वही अंततः ग्रामीणों को प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।गौरतलब है कि विकासखंड के दर्जनों ग्राम पंचायतों में प्रधानों और पंचायत सेक्रेट्री की लापरवाही से कई पात्रों को आवास से वंचित होना पड़ा है तो कहीं पर जरूरत होने पर भी सड़क नहीं बन सकी गुरुवार को विकासखंड के सगुनी ग्राम पंचायत के ठकुराइन खेड़ा के ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा और विवश होकर उन्हें सगुनी खीरों मार्ग जाम करना पड़ा जिसे बाद में खोल दिया गया,बता दें कि खीरों सगुनी मार्ग से ठकुराइन खेड़ा गांव की दूरी एक किलोमीटर से भी कम है इस गांव में बड़ी संख्या में लोगों का मकान है लेकिन प्रधान व सेक्रेटरी की मनमानी से आजादी के बाद भी आज तक कोई पक्की सड़क नहीं बन सकी जिससे हर बारिश में इस गांव के ग्रामीणों,स्कूली,बच्चो,खासकर गर्भवती महिलाओ को आने जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन पूर्व एक स्कूल की वैन बच्चों को लेकर घर जा रही थी तभी रास्ते में हादसे का शिकार होते बची बहुत ही जर्जर और दुर्गम रास्ता है लेकिन ग्राम प्रधान के चश्मे से यह समस्या नहीं दिखाई दे रही ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद पहुंचे प्रभारी एडीओ पंचायत सुशील कुमार ने दो दिन में मार्ग को सही करा कर चलने लायक बनाने की बात तो कहीं,लेकिन ग्राम प्रधान नूरुद्दीन,पंचायत सेक्रेट्री शैफाली जायसवाल पूरी तरीके से नदारद रही सूचना पर पहुंची पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया।

अनुज मौर्य/धर्मन्द्र भारती रिपोर्ट

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