130 साल बाद बदली किलोग्राम की परिभाषा, अब स्थिरांक का होगा इस्तेमाल

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साठ देशों के प्रतिनिधियों ने भार, विद्युत धारा, तापमान और रासायनिक पदार्थ की मात्रा की अंतरराष्ट्रीय इकाई तंत्र को पुनर्परिभाषित करने के पक्ष में मतदान किया.

दुनिया में 130 साल बाद किलोग्राम, एंपीयर, केल्विन और मोल की वैश्विक मानक परिभाषा बदल दी गई है. साठ देशों के प्रतिनिधियों ने भार, विद्युत धारा, तापमान और रासायनिक पदार्थ की मात्रा की अंतरराष्ट्रीय इकाई तंत्र को पुनर्परिभाषित करने के पक्ष में मतदान किया, इसके बाद किलोग्राम क परिभाषा बदल दी गई. फ्रांस के वर्साय में BIPM के तत्वावधान में ‘भार और माप पर कराए गए आम सम्मेलन’ में यह निर्णय लिया गया.

अभी तक अंतरराष्ट्रीय प्रतिकृति (आईपीके) फ्रांस के अंतरराष्ट्रीय भार एवं माप ब्यूरो (बीआईपीएम) में रखे प्लेटिनयम मिश्रधातु का सिलेंडर किलोग्राम को परिभाषित करता है. यह पिछले 130 साल से यहां था लेकिन अब यह हट जाएगा.

प्लांक स्थिरांक लेगा जगह

अब उसकी जगह प्लांक स्थिरांक लेगा, जो क्वांटम भौतिकी का मौलिक स्थिरांक है. आईपीके के स्थायित्व को समान प्रतियों के साथ तुलना कर सत्यापित किया जा सकता था और यह मुश्किल और संभावित रुप से असटीक प्रक्रिया थी. लेकिन प्लांक स्थिरांक सभी जगह और सदैव उपयोग के लिए तैयार है.

मई 2019 से लागू होंगे बदलाव

इसका मतलब है कि सभी अंतरराष्ट्रीय इकाइयां अब स्थिरांकों के संदर्भ में परिभाषित की जाएंगी, जो प्राकृतिक विश्व को व्याख्यायित करते हैं. इससे इकाई तंत्र में भावी स्थायित्व पक्का होगा और परिभाषाओं को लागू करने के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकी समेत नई प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल का मौका मिलेगा. ये बदलाव अगले साल 20 मई को प्रभाव में आ जाएंगे. उनसे माप इकाइयों को परिभाषित करने के लिए भौतिक वस्तुओं का इस्तेमाल खत्म हो जाएगा.

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