भागवत कथा देवताओं के लिए दुर्लभ है प्रेतबाधा निवारक है:राधेश्याम आचार्य

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अमेठी –श्रीमद्भागवत कथावाचक राधेश्याम आचार्य जी के मुखारविंद से भागवत कथा मानव जीवन के उद्धार के लिए है

भागवत कथा देवताओं के लिए दुर्लभ है प्रेतबाधा निवारक है तथा मनुष्यता को स्थापित करने वाली कथा है
अनेक जन्मों के अर्जित धर्म और पुण्य कार्य के प्रताप से इसकी प्राप्ति होती है
श्रीमद्भागवत पुराण में 12स्कंद है 335 अध्याय है 18000 श्लोक है पांच करोड़ छियतर लाख अक्षर हैं
इसके बारह स्कंधो पर बारह अलग अलग सिद्ध बैठे हैं
प्रथम स्कंधपर ब्रह्म जी
द्वितीय पर नारद जी
तृतीय स्थान पर भगवान शिव
चतुर्थ पर सनक सनातन सनंदन शनत कुमार
पंचम पर भगवान कपिल
षंषटम पर आदि मन्नू सप्तम पर प्रहलाद
अष्टम पर जनक नवंम पर भीष्म पितामह दशंम पर महाराज बलि
एकादशा पर सुकदेव जी बारहवें एवं अन्तिम पर धर्म राज बिराजमान है
सारांश यह है कि हम सृजन से आरंभ करें
एवं धर्म से समापन करें
जब कि बिज्ञान सृजन से आरंभ करता है तथा बिधवंस से समापन करता यही धर्म में एवं बिज्ञान में अंतर है

अवनीश कुमार मिश्रा रिपोर्ट

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