सरकार ने इस साल अगस्त में लक्ष्य से आठ महीने पहले 5 करोड़ गरीब परिवारों को आंशिक रूप से फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन वितरित करने का लक्ष्य हासिल किया था.
प्रधान मंत्री उज्जवला योजना (PMUT) से लाभ उठाने वाले लोग वापस पारंपरिक खाना पकाने के लिए स्टोव और मिट्टी के चूल्हों पर वापस आ रहे हैं के रिपोर्ट्स के बीच केंद्रीय तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक इवेंट में कहा है कि 80 फीसदी PMUY लाभार्थियों ने औसतन चार बार एलपीजी सिलिंडर रिफिल कराया है.
सरकार ने इस साल अगस्त में लक्ष्य से आठ महीने पहले 5 करोड़ गरीब परिवारों को आंशिक रूप से फ्री एलपीजी गैस कनेक्शन वितरित करने का लक्ष्य हासिल किया था. हालांकि, हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि उज्जवला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन मिलने के बाद, कुछ परिवार पारंपरिक- लकड़ी, कोयले या उपले आधारित-खाना पकाने के तरीकों पर लौट रहे हैं.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अब तक 5.75 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए हैं. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “मुझे यह कहते हुए गर्व है कि PMUY लाभार्थी करीब 80 फीसदी औसत 4 रिफिल के लिए वापस आते हैं, जो उत्साहजनक प्रवृत्ति है.”
अप्रैल 2016 में शुरू की गई उज्जवला योजना को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जैसे इंटरनेशनल संगठनों ने तारीफ करते हुए कहा इस योजना से न महिलाएं न ही सिर्फ एडवांस टेक्नोलॉजी से खाना पका सकेंगी बल्कि क्लीन एनर्जी मिशन को भी बल मिलेगा.
WHO ने इस साल की शुरुआत में उज्ज्वल योजना की सराहना की थी ताकि वायु प्रदूषण में कमी में मदद मिले, क्योंकि10 में से 9 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की पहचान भारत में की गई थी.