खीरों (रायबरेली)। विकास खण्ड के कुसंडी गांव में आदि मूर्ति संकट मोचन ग्राम्य वार्षिकोत्सव सास्कृतिक समिति के तत्वावधान में शनिवार की शाम भजन संध्या के नाम रही।हरदोई ,लखनऊ,प्रयागराज व बुंदेलखण्ड के प्रसिद्ध दर्जन भर कीर्तनकारों ने शानदार उपस्थिति दर्ज की।जवाबी कीर्तन का मुकाबला रतिराम ज्ञानी व मातादीन विश्वकर्मा ने किया। प्रत्येक अच्छी प्रस्तुति पर दर्शकों ने तालियां बजाकर कीर्तनकारों का उत्साह बर्धन किया। शानदार प्रस्तुति सुन दर्शक पूरी तरह झूमने को मजबूर हो गए।वहीं कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक राकेश सिंह भी कुछ समय के लिए मौजूद रहे।
जवाबी कीर्तन का शुभारम्भ शनिवार की रात बुंदेलखण्ड कीर्तन उत्थान समिति अध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप जलाकर किया।कीर्तन सम्राट दादा मातादीन ने पहले फूल के तौर पर मां सरस्वती को निवेदित करते हु कहा कि मैं जग का सताया हूं चरणों में बसर दे दो,हे मां वीणापाणि बंधन के स्वर दे दो,हर पल अंतर्मन में बस ध्यान तुम्हारा हो,वाणी निकले मुख से तो गुणगान तुम्हारा हो।कीर्तन प्रेमियों रचना को खूब सराहा।हरदोई के रतीराम ज्ञानी ने सरस्वती वंदना में पढा कि ‘मां तेरे पद में रहेंगे,कभी पद ना छोड़ेंगे’ इसके बाद फिल्मी गीत तेरे रसके कमर सुनाकर दर्शकों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया।बुंदेलखंड के कलाकर मातादीन विश्वकर्मा ने वंदना गीत पेश करने के बाद एक से बढ़कर एक शानदार गीत प्रस्तुत किए। जिसे सुनने के लिए रात भर दर्शक अपनी जगह में डटे रहे। भजन-कीर्तन संध्या में कलाकारों,क्षेत्र के सम्मानित जनों को,प्रधानों को आयोजन समिति द्वारा शॉल उड़ाकर सम्मानित भी किया गया।कीर्तन कुल के महाकुंभ में कीर्तन जगत की चर्चित हस्तियों ने छोटे से गांव में लगे कीर्तनकुंभ में शाही स्नान किया कीर्तन जगत की महान हस्तियों में बुंदेलखंड से लालचंद दीक्षित,निशा भारती,शंभू हलचल,अजय विजय ,मुकेश मृदुल,नीलम विश्वकर्मा,पूनम आजाद,विद्या विश्वकर्मा,शशि राजकमल,क्रान्ति माला आदि कलाकार मौजूद रहे।कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए आयोजक अशोक त्रिवेदी ने सभी का आभार ज्ञापित किया।
अनुज मौर्य/धर्मेंद्र भारती रिपोर्ट