कृषि मंत्री ने बताया कि मिट्टी घोटाले की जांच अभी चल रही है. इस घोटाले की जांच के दायरे में अभी कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. कृषि मंत्री से यह भी साफ कर दिया कि योगी सरकार में भ्रष्टाचारियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.
बरेली: भ्रष्टाचार से निपटने के योगी सरकार के सारे इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं. हाल ही में भ्रष्टाचार से जुड़ा एक और बड़ा मामला सामने आया है. मिट्टी जांच घोटाले में बुधवार को कृषि मंत्री लक्ष्मी नारायण सिंह ने बरेली समेत प्रदेश भर के 9 अफसरों को निलंबित कर दिया. एक साथ प्रदेश भर के 9 अफसरों पर हुई कार्यवाही से कृषि विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. क्योंकि अभी और भी कई अफसरों पर गाज गिरना बाकी है.
मिट्टी की जांच के नाम पर हो रहा था भ्रष्टाचार
लखनऊ में कृषि मंत्री लक्ष्मी नारायण सिंह ने संयुक्त कृषि निदेशक पंकज त्रिपाठी समेत सूबे के नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया. मिट्टी के घोटाले में शामिल बरेली के उप कृषि निदेशक विनोद कुमार और सहायक निदेशक (मृदा परीक्षण) को भी निलंबित किया गया है. मिट्टी की जांच के नाम पर घोटाला करने वालों के खिलाफ लंबे समय से जांच चल रही थी. इसमें नौ अधिकारियों को दोषी पाए जाने पर कृषि मंत्री ने निलंबित किया है.
इसमें संयुक्त कृषि निदेशक (शोध एंव मृदा सर्वेक्षण) पंकज त्रिपाठी, बरेली के उप कृषि निदेशक विनोद कुमार (बरेली मंडल की निविदा समिति के अध्यक्ष) और संजीव कुमार सहायक निदेशक (मृदा परीक्षण), उप कृषि निदेशक मुरादाबाद डॉ. अशोक कुमार, जुगेन्द्र सिंह राठौर संयुक्त कृषि निदेशक (अलीगढ़ मंडल की निविदा समिति के अध्यक्ष), सहारनपुर के उप कृषि निदेशक राजीव कुमार, झांसी के उप कृषि निदेशक राम प्रताप, सुरेश चन्द्र उप कृषि निदेशक मेरठ और अलीगढ़ के उप कृषि निदेशक (प्रभारी, सहायक निदेशक और मृदा परीक्षण) को निलंबित कर दिया.
जांच में अभी सूबे के कई अफसरों की फंस सकती है गर्दन
कृषि मंत्री ने बताया कि मिट्टी घोटाले की जांच अभी चल रही है. इस घोटाले की जांच के दायरे में अभी कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. कृषि मंत्री से यह भी साफ कर दिया कि योगी सरकार में भ्रष्टाचारियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.