रायबरेली। पुलिस व यातायात प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी शहर में ट्रिपलिंग करके बाइक पर नाबालिक किशोर व किशोरियां फ़र्राटे भरते नजर आते है।यहां तक बाइक को भीड़ के बीच स्पीड में टेढ़े मेढ़े नचाकर चलाते नजर आते रहते है।शहर के सिविल लाइन,डिग्री कालेज से जेल रोड, कचहरी रोड, कैनाल रोड आदि भीड़ भाड़ वाली जगहों में बिना हेलमेट,बिना लाइसेंस ट्रिपलिंग करके बगल वालो शॉक दे जाते है।न संभल पाने वाले अक्सर गिरकर घायल हो जाते है।कोई यदि ज्यादा विरोध करता है तो इनका गैंग इकट्ठा हो जाता है।
शहर में अपराध बढ़ाने में इनकी भूमिका संदिग्ध
शहर में मारपीट व चैन स्नैचिंग की घटनाओं में लगाम लगा है,किन्तु लोगों को बाइक लहराकर गिराकर घायल कर देना,बगल से निकलते ही अभद्र गलियों का प्रयोग करना इनकी फितरत में आ गया है।
पुलिस व प्रेस लिखवाने वालों की संख्या बढ़ी
अधिकतर जगहों पर पुलिस व प्रेस लिखी गाड़िया मिल जाएगी,जिनमे 50 प्रतिशत लोगों का पुलिस व प्रेस से कोई मतलब नही होता है,किन्तु चिन्ह की वजह से रौब गांठने में पीछे नही रहते है।
अब सबसे विचारणीय विषय यह है कि क्या पुलिस अधीक्षक महोदय इन सब पर अंकुश लगाने में कामयाब होते है या फिर नही।यह तो समय ही बताएगा।
अनुज मौर्य/पवन मौर्य रिपोर्ट