रायबरेली। शहद प्रकृति द्वारा मनुष्य को दिया हुआ अनमोल वरदान है। प्राचीनकाल में मधुमक्खियों द्वारा फूलों के रस से प्राकृतिक रूप से तैयार मधु की एकमात्र मिष्ठान का ज्ञात स्रोत था और यही सभी धार्मिक रीति-रिवाजों, सामाजिक कार्यक्रमों, प्रत्येक धर्म एवं समाज में प्रमुख रूप से प्रयोग में लाया जाता था। शहद को चिकित्सा विज्ञान द्वारा एक पौष्टिक आहार माना गया है। इसमें कार्बोहाइडे्रटï्स, खनीज, अमीनों एसिड, प्रोटीन्स और विटामिन्स जैसे सभी आवश्यक तत्व पाये जाते हंै। उक्त बातें सलोन विधायक दल बहादुर कोरी, खादी ग्रामोद्योग के आरएस पाण्डेय व डीडी रवि प्रकाश ने चडरई मजरे इटौरा बुजुर्ग में 35 किसानों व मधुमक्खी पालकों को 350 मधुबाक्स वितरित करते हुए संयुक्त रूप से कहीं। उन्होंने बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग की हनी मिशन योजना का लाभ उठाकर लोग धनोपर्जन कर सकते हैं। इस योजना अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में किसानों व मधुमक्खी पालकों को प्रशिक्षित कर उन्हें मधुमक्खी परिवार सहित बाक्स वितरित करने के सापेक्ष अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग से 10 प्रतिशत स्वयं के अंशदान एवं सामान्य वर्ग से 20 प्रतिशत स्वयं के अंशदान एवं शेष आयोग द्वारा एक मुश्त अनुदान के आधार पर वितरित किया जाना है। इच्छुक इसका लाभ उठाएं।