अखिलेश सिंह ने विवेक तिवारी के हत्यारों के लिए मांगी सजा-ए-मौत

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रायबरेली। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सिपाहियों द्वारा की गई विवेक तिवारी की हत्या के विरोध में सदर के पूर्व विधायक अखिलेश सिंह ने दोषियों को फांसी देने की मांग की है। पूर्व विधायक ने कहा कि पुलिस का यह कृत्य न केवल मानवता के माथे पर कलंक है बल्कि उस विश्वास का भी खून है जो आम आदमी खाकी पर करता है। समाज को सुरक्षा का भरोसा देने वाली खाकी ही कातिल हो जायेगी तो इंसान खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा? अखिलेश सिंह ने कहा कि योगी सरकार में निर्दोष लोगों की हत्याएं हो रही हैं। उत्तर प्रदेश की पुलिस निर्दोषों को मारकर एनकाउंटर के नाम पर सीना चैड़ा कर रही है जो कि कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि आम नागरिक की रक्षा के लिए तैनात पुलिस ही यदि उसकी हत्या करने लगे तो किस पर भरोसा किया जाएगा? श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार को ऐसे पुलिसकर्मियों को कड़ी सजा दिलानी चाहिए जो सरकार को बदनाम करने के साथ ही मानवता को भी शर्मसार कर रहे हैं। पुलिस के इन कृत्यों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लगाम लगानी चाहिए। उन्होंने पुलिस द्वारा किए गए सिपाहियों के बचाव का पुरजोर विरोध किया और कहा कि किसी बच्ची से उसका बाप, सुहागन से उसका सिंदूर और मां से बेटा छीनने वालों का बचाव करना निंदनीय है। प्रथम दृष्टया पुलिस के जिन अधिकारियों ने मामले को घुमाने की कोशिश की उन पर भी सरकार कड़ी कार्यवाही करें। अखिलेश सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वर्णयुग लाने की बात कर रहे हैं। ऐसे में आम आदमी की हत्या उनके सपने के साकार होने में सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि अगर स्वर्णयुग लाना है तो बेकसूरों की हत्या करने वाले दोनों पुलिसकर्मियों के मुकदमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चले और जल्द से जल्द दोषियों को सजा-ए-मौत मिल सके। श्री सिंह ने कहा कि योगी सरकार मृतक विवेक तिवारी के परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा दे और उनके बीवी बच्चों को सुरक्षा उपलब्ध कराएं। श्री सिंह ने भी कहा कि सरकार को यदि ऐसी शर्मनाक घटनाओं से बचना है तो उसे एक ऐसे आयोग का गठन करना चाहिए जो पुलिस द्वारा किए जा रहे हो उत्पीड़न और जुल्मों की जांच करें तथा दोषियों पर कार्रवाई भी सुनिश्चित कर सके। उन्होंने कहा कि मृतक मैनेजर की बेवा को न्याय दिलाने के लिए वह सरकार के विरुद्ध किसी भी संघर्ष को तैयार हैं। श्री सिंह ने अपनी बीमारी का हवाला देते हुए कहा कि इसके बाद भी वह पुलिस के इस अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने में पीछे नहीं रहेंगे और जरूरत पड़ने पर लाखों लोगों की भीड़ जमा करके धरना-प्रदर्शन कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलायेंगे।

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