फसल अपशिष्टों को खेतों में ना जलाएं : निदेशक

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बछरावां (रायबरेली)। कृषि विभाग के तत्वावधान में किसानों की आमदनी बढ़ाने को लेकर मंगलवार को कृषि निवेश मेला व प्रदर्शनी का आयोजन ब्लाक परिसर मे किया गया। कृषि मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला उप कृषि निदेशक महेंद्र्र सिंह ने किया कृषि निवेश मेले में आए किसानों से अपील करते हुये कहा है कि फसल कटाई के बाद फसल अपशिष्ट जलाने से पर्यावरण दूषित होता है। इसलिए खेतों में हमें फसलों के अपशिष्ट नहीं जलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान ही देश की अर्थव्यवस्था की मुख्य रीढ़ होते हैं। जिनको यदि सुचारु रूप से साधन व संसाधन मिलते रहें तो फसलों के उत्पादन में आशातीत वृद्धि हो सकती है। किसान ऑनलाइन सेवा के माध्यम से सभी सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी अभयराज गुप्ता ने कहाकि आधुनिक खेती कृषि उपकरणों पर आधारित है। जिससे फसलों की उपज अच्छी होती है और किसानों को आर्थिक लाभ भी होता है। कृषि विषय वस्तु विशेषज्ञ अजयेंद्र सिंह ने फसल सुरक्षा के लिए आईपीएम पद्धति अपनाने पर जोर देते हुए सुरक्षात्मक उपायों पर विस्तार से चर्चा की। कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर एके तिवारी ने किसानों को उन्नत किस्म के गेहूं, चना, मटर, सरसों आदि फसलों के तकनीकी तरीके से उपज लेने के बारे में बताया। पशु चिकित्साधिकारी डॉ. पीके शर्मा द्वारा पशुपालन की योजनाओं व  काकरण और पशुओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी गई। कृषि निवेश मेले में कृषि रक्षा इकाई प्रभारी अजय वर्मा, बीज गोदाम प्रभारी वीरेंद्र सिंह, राजकिशोर शुक्ला, डॉक्टर लक्ष्मीकांत, भानु प्रताप सिंह, रामविलास, माता प्रसाद, रामबली सहित सैकड़ों की संख्या में आसपास के गांव से जागरूक किसानों ने भाग लिया और मेले में खाद, बीज, दवाओं व कृषि उपकरणों की लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

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