यौन शोषण में बौद्ध प्रचारकों का शामिल होना नई बात नहीं: दलाई लामा

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नई दिल्ली (एजेन्सी)। तिब्बती सर्वोच्च धर्मगुरु दलाई लामा ने बौद्ध प्रचारकों द्वारा किए गए यौन शोषण के मामले पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि 90 के दशक से बौद्ध शिक्षकों द्वारा यौन शोषण किया जाता आ रहा है। ऐसे आरोप कोई नए नहीं है। दलाई लामा ने यह बयान नीदरलैंड में लिया है। वे चार दिवसीय नीरदलैंड यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने शुक्रवार को बौद्धिक शिक्षकों की ओर से किए जा रहे कथित यौन शोषण के शिकार पीड़ितों से मुलाकात की। जिसके बाद उनका यह बयान सामने आया है। बौद्ध धर्मगुरु ने कहा कि 1990 के दशक से बौद्ध शिक्षकों द्वारा किए जा रहे यौन उत्पीड़न के मामलों की उन्हें जानकारी है, और इस तरह के आरोप कुछ नए नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 50 वर्ष पहले भी किसी ने यौन शोषण के आरोपों का जिक्र किया था। लामा ने कहा कि जो लोग यौन शोषण करते हैं, वे बुद्ध की शिक्षा की परवाह नहीं करते हैं। हालांकि जो भी सार्वजनिक हो रहा है वह उनके लिए शर्मिंदगी की बात है। बता दें कि दर्जनों पीड़ितों ने याचिका दायर कर दलाई लामा से उनकी यूरोप यात्रा के दौरान मिलने की अपील की थी। जवाब में दलाई लामा ने कहा कि मुझे पहले से ही इन चीजों के बारे में पता था, ये कुछ नया नहीं। 25 साल पहले किसी ने धर्मशाला में पश्चिमी बौद्ध शिक्षकों के लिए एक सम्मेलन में यौन शोषण की समस्या के बारे में बताया था। उन्होंने कहा, यौन शोषण करने वाले लोग बुद्ध के शिक्षण की परवाह नहीं करते हैं। इसलिए अब जब सब कुछ सार्वजनिक हो गया है, तो लोग अपनी शर्मिंदगी के बारे में चिंता कर सकते हैं। यूरोप में तिब्बती धर्मगुरु के प्रतिनिधि टेस्सेन सामडुप छोकेयापा ने कहा कि दलाई लामा ने हमेशा इस तरह के गैर जिम्मेदार और अनैतिक व्यवहार की निंदा की है।

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