सफेद हाथी साबित हो रही बनाई गई पानी की टंकी आधा दर्जन से अधिक गांवों में छाया पानी का संकट

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शिवगढ़ (रायबरेली)। कस्बे में बनाई गई पानी की टंकी सफेद हाथी साबित हो रही है। आधा दर्जन से अधिक गांव में लगभग 12 दिनों से पानी का संकट छाया हुआ है। लोग को बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे जो शासन प्रशासन के आधाधिकारियों को कोष रहे है। विदित हो कि विकास क्षेत्र के कस्बे में जल निगम की टंकी तो लगी है लेकिन पिछले 12 दिन से रामपुर खास के बरसिंगखेड़ा के तालाब के पास और शिवगढ़ बाजार से महराजगंज रोड के पास पेयजल पाइप फटने के कारण पानी की सप्लाई आगे नहीं जा रही है, जिसके कारण आधा दर्जन गांवों में पानी की हाहाकार मची है। क्षेत्र के लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए ग्राम समूह पेयजल योजना के तहत 1978 में पांच हजार लीटर वाली पानी की टंकी बनाई गई थी। इससे पेयजल की समस्या तो नहीं सुलझ सकी लेकिन, आए दिन पाइप लाइन जरूर क्षतिग्रस्त होती रहती है। इसको भरने के लिए लगाए चार पंप भी आए दिन खराब रहते है। इससे लोगों को पीने के पानी की किल्लत उठानी पड़ रही है। एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे एक दर्जन गांवों के लोग शिवगढ़ में बनी पानी की टंकी से ग्राम सभा रामपुर खास, शिवगढ़, पिपरी, भवानीगढ़ सराय क्षत्रधारी, राजापुर, बदावर, कोटवा, ढेकवा सहित लगभग एक दर्जन ग्राम सभाओं में टंकी की सप्लाई पाइप के लीकेज होने के कारण आये दिन पानी के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं।

क्या कहते हैं ग्रामीण?
हनुमान सिंह, नंदकिशोर तिवारी, विनोद सिंह, सतीश श्रीवास्तव, जमुना प्रसाद, सहित लोगों का कहना है कि जल निगम विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते आए दिन टंकी से पानी की समस्या बनी रहती है। उनका कहना है कि महीने में महज चार-पांच दिन ही पानी मिलता पिछले 12 दिन से एक भी बूंद पानी नहीं मिल पा रहा है मजे की बात तो यह है कि यहां पर जल निगम विभाग के कर्मचारियों का आवास तो बना है लेकिन वह नदारद रहते हैं। जब शिकायत करने जाओ तो जल निगम के ऑफिस में ताला ही लगा रहता है। ऐसे कर्मचारियों पर कार्यवाही होनी चाहिए यदि 24 घंटे में हम ग्रामीणों को पानी नहीं मिला तो हम लोग जिला प्रशासन से शिकायत करेगें।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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