India vs Australia: भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में जीती टेस्ट सीरीज

131

चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 300 पर सिमट गई थी तो वहीं भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन दिया और आगे खेलने को कहा. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया को अपनी जमीन पर 30 साल बाद फॉलोऑन करना पड़ा.

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रच दिया है. जी हां आखिरी टेस्ट मैंच ड्रॉ होने के कारण भारतीय टीम ने सीरीज पर 2-1 से कब्जा कर लिया है तो वहीं पहली बार ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट सीरीज जीती है. इससे पहले भारतीय टीम ने एडिलेड और मेलबर्न टेस्ट में जीत हासिल की थी. सीरीज के चौथे और आखिरी टेस्ट में बारिश के कारण सुबह का सेशन नहीं हो पाया जिससे मैच ड्रॉ हो गया.

चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 300 पर सिमट गई थी तो वहीं भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन दिया और आगे खेलने को कहा. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया को अपनी जमीन पर 30 साल बाद फॉलोऑन करना पड़ा. फॉलोऑन के दौरान ऑस्ट्रेलिया ने बिना किसी नुकसान के 6 रन बना लिए थे लेकिन खराब मौसम के कारण अंपायर्स ने इस मैच को ड्रॉ करार दे दिया.

इस जीत के साथ भारतीय टीम ने 71 साल बाद नया इतिहास रचा है. भारतीय टीम ने 70 साल बाद आस्ट्रेलिया में उसके खिलाफ सीरीज में जीत हासिल की है. चेतेश्वर पुजारा को उनके बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज का खिताब दिया गया. बता दें कि जबसे भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना शुरू किया है यानी की 1947/48 के बाद तब से अब तक की ये सबसे बड़ी जीत है यानी की विराट कोहली के अलावा अभी तक भारत को कोई भी ऐसा कप्तान ये कारनामा नहीं कर पाया था.

भारतीय टीम कुलदीप यादव की शानदार गेंदबाजों की बदौलत ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में जल्द समेटने में कामयाब रही. भारत के लिए इस पारी में कुलदीप यादव ने सबसे ज्यादा 5 विकेट झटके. वहीं मोहम्मद शमी और रवींद्र जडेजा और ने दो-दो अपने नाम किए. इसके अलावा जसप्रीत बुमराह ने एक विकेट हासिल किया. इससे पहले मैच की पहली पारी में भारत ने चेतेश्वर पुजारा (193), ऋषभ पंत (नाबाद 159), रवींद्र जडेजा (81) और मंयक अग्रवाल (77) की लाजवाब पारियों के दम पर पहली पारी में विशाल स्कोर खड़ा किया था. भारत ने दूसरे दिन 7 विकेट पर 622 रन बनाकर अपनी पारी घोषित कर दी थी.

Previous articleसरकारी बैंकों में निकलने वाली हैं बंपर नौकरियां! 2019-20 में होने वाले हैं काफी रिटायरमेंट
Next articleजलियांवाला बाग हत्याकाण्ड से कम नहीं है मुंशीगंज किसान आंदोलन का महत्व