आखिर एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स क्यों हैं निष्क्रिय

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महराजगंज रायबरेली
प्रदेश मे भाजपा की सरकार बनते ही मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने सुरक्षित जमीनों को कब्जा मु्क्त कराने हेतु एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का गठन कर सुरक्षित भूमि को खाली करवाने के सख्त निर्देश दिए थे। आदेश के बाद तहसील प्रशासन ने एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स की टीम बनाकर चरागाह, तालाब, खलिहान आदि की सुरक्षित जमीनों को कब्जा मुक्त भी कराया था। लेकिन कुछ दिनों बाद ही एक बार फिर से दबंग भूमाफियाओं ने क्षेत्र के बावन बुजुर्ग बल्ला, हरदोई, अलीपुर, भटसरा जैसी दर्जनो ग्राम सभाओं में सुरक्षित भूमि पर दोबारा कब्जा कर तहसील प्रशासन को चुनौती दी है।
गौरतलब है कि एक वर्ष पूर्व ही तहसील क्षेत्र के कई गांवों में चारागाह की जमीन पर खड़ी गेहू की फसल को ट्रैक्टर से नष्ट कर सरकारी जमीनों को अतिक्रमणकारियों से कब्जा मुक्त कराया था। लेकिन कुछ दिनों बाद ही प्रशासन के ढुलमुल रवैय्ये को देखते हुए भूमाफिया एक बार फिर सक्रिय हो सुरक्षित जमीनों को अपने कब्जे में ले लिए है। ताजा प्रकरण तहसील क्षेत्र के बावन बुजुर्ग बल्ला गाँव में 36 हेक्टेयर चारागाह सहित सैकड़ो बीघा सुरक्षित जमीन का है। बावन बुजुर्ग बल्ला की सैकड़ो बीघे सुरक्षित जमीनों में से आज भी आधी जमीनें भूमाफियाओं के कब्जे में हैं। गत एक वर्ष पूर्व गठित एंटी भूमाफिया टीम ने चरागाह की गाटा संख्या 5124, 5232, 5305, 5308, 5524 के रकबे पर तहसील प्रशासन ने भू माफियाओं की खड़ी गेहूं की फसले जुतवा कर कब्जा मुक्त कराई थी। लेकिन लगभग सारी जमीनो पर दबंगों ने फिर से अपना अपना कब्जा कर धान की रोपाई करा डाली। किन्तु तहसील में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों के कानो में जूं तक नही रेंगी। आज इन सुरक्षित जमीनों पर भूमाफियाओं की धान की फसल लहलहा रही है। जिसको लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। प्रकरण में बल्ला गांव के सैकडो ग्रामीणों का कहना है कि जल्द ही कार्यवाही नही की गई तो मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी। वहीं मामले में उपजिलाधिकारी विनय कुमार मिश्रा से जानकारी करने पर उन्होंने बताया कि टीम गठित कर सुरक्षित जमीनों को कब्जा मुक्त कराया जायेगा।

अनुज मौर्य/अशोक यादव रिपोर्ट

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