गहराया बेजुबानों के जीवन पर संकट

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फर्मासिस्ट के सहारे पशु अस्पताल, नहीं लग पाये गलाघोंटू के टीके

डलमऊ (रायबरेली)। विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से क्षेत्र में बेजुबान पशुओं को खतरनाक बीमारी से बचाने के लिए अभी तक इंजेक्शन नहीं लगे है जबकि जून माह से गलाघोंटू का इंजेक्शन पशुओं को लगाने का कार्य प्रारंभ हो जाता है, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते बेजुबान पशुओं का जीवन संकट में है, जबकि पशुचिकित्सा अधिकारी अपने दफ्तर से हमेशा गायब रहते हैं। ऐसी स्थिति में बेजुबान पशुओं का इलाज कैसे होगा? फार्मासिस्ट के सहारे ही पशु अस्पताल जीवित है।
मुराईबाग कस्बे में स्थित पशु चिकित्सालय में तैनात अधिकारियों के खेल से ग्रामीण भी हैरान है। पशुपालकों को पता नहीं कि कब उनके पशुओं को गलाघोंटू की बीमारी से बचाने के लिए एचएस का इंजेक्शन लग गया। वहीं पशु विभाग के अधिकारी यह दावा कर रहे हैं। डलमऊ तहसील क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांवों में रहने वाले पशु मालिकों के पशुओं को गलाघोंटू की पांच हजार इंजेक्शन लगाए गए हैं, जबकि दो हजार इंजेक्शन अभी भी चिकित्सालय में मौजूद हैं, लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। दरअसल पास वाली को को ही नहीं मालूम गलाघोंटू बीमारी से बचाव के लिए उनकी पशुओं को इंजेक्शन लगाया जा चुका है। सूत्रों की माने तो पशु विभाग जिन गांवों के पास मालिकों के नाम अंकित कर रखे हैं उनमें से अधिकांश पशु मालिक उस गांव के निवासी ही नहीं है। डलमऊ ग्रामसभा के प्रधान प्रतिनिधि  मेवालाल वर्मा ने बताया कि नेवाजगंज अभी तक पशु विभाग की तरफ से न तो उनके पशुओं को इंजेक्शन लगाया गया है और न ही ग्राम सभाओं में रहने वाले लोगों के पशुओं को ग्रामीणों ने स्वयं पैसे खर्च करके प्राइवेट चिकित्सकों को बुलाकर अपने अपने पशुओं को गलाघोंटू से बचाने के लिए इंजेक्शन लगवाया है। वहीं सलीमपुर ग्राम सभा निवासी धर्मेंद्र यादव, राजेन्द्र देशराज, रामहर्ष, विश्वनाथ, पूरे गुलाबराय निवासी अनूप कुमार, छंगा, विजय शंकर सहित आदि लोगों ने बताया कि अभी तक उनकी ग्राम सभाओं में पशुचिकित्सा अधिकारी का कोई भी कर्मचारी दस्तक भी नहीं दिया है।

इन गांवों में है इंजेक्शन की जरूरत

बेजुबान पशुओं को गलाघोंटू बीमारी से बचाने के लिए  पशु विभाग लगातार लापरवाही बरत रहा है। जिसका खामियाजा बेजुबानों को भुगतना पड़ रहा है। क्षेत्र के डलमऊ, पूरे गुलाबराय, दरबानीहार, मुराईबाग डलमऊ कस्बा सहित लगभग दो दर्जन क्षेत्रों में गलाघोंटू एचएस इंजेक्शन की पशुओं को भारी हो सकता है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से अभी तक बेजुबानों को खतरनाक बीमारी से बचाने के लिए कोई उपाय नहीं किए जा रहे हैं।

पशुओं को गलाघोंटू से बचाने के लिए पशु मालिकों को उपाय बताएं जा रहे हैं, तथा इससे संबंधित इंजेक्शन लगवाए जा रहे हैं। अगर कोई लापरवाही पाई जाती है तो कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एचएन मिश्रा, पशु चिकित्सा अधिकारी

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