गौशाला में भूख से तड़पकर मर रही गायें आखिर जिम्मेदार कौन

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डलमऊ रायबरेली – प्रदेश सरकार गायों के संरक्षण के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है तहसील स्तर ब्लाक स्तर व ग्राम पंचायत स्तर पर गौ आश्रय केंद्र बनाकर उनको पालने का काम किया जा रहा है तथा लाखों रुपए खर्च कर कान्हा गौशाला का निर्माण करा कर आवारा मवेशियों को रखा जा रहा है जिसमें जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से गायेें भूखी मर रही हैं समय से न तो उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है और ना ही उनके खाने के लिए चारे आज की व्यवस्था की जा रही है जिससे गायें लगातार बीमारी और भूख से मर रही हैं डलमऊ में स्थित कान्हा गौशाला के निकट एक बाग में मंगलवार को बड़ी संख्या में मृत गाय पड़ी हुई थी वहीं पर ट्रैक्टर ट्राली के द्वारा ढेर के रूप में इकट्ठी की जा रही थी यह कोई एक दिन का मामला नहीं है। आए दिन इसी प्रकार गायों की मौत हो रही है गौशाला में खाने पीने की उचित व्यवस्था नहीं है तथा गौशालााा में उपस्थित मवेशियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं किया जा रहा है जिससे प्रदेश सरकार की मंशा पर लगातार पानी फिर रहा है बड़ी संख्या में मरी हुई गायों की वजह से आसपास के क्षेत्रीय लोगों में काफी नाराजगी भी देखने को मिली है डलमऊ निवासी विकास द्विवेदी ने बताया कि डलमऊ स्थित कान्हा गौशाला से 14 मृत गायों को कुछ दूरी पर स्थित उनकी बाग में लाकर फेंक दिया गया है इसी तरह प्रतिदिन गौशाला में उपस्थित मवेशी भूखे मर रहे हैं यहां पर मवेशियों की जिंदगी दशा व दुर्दशा देखने वाला कोई नहीं है। वही इस बारे में जानकारी लेने के लिए नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अमित कुमार सिंह को फोन मिलाया गया तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।

क्या कहते हैं पशु चिकित्सा अधिकारी इनकी भी सुने

पशु चिकित्सालय डलमऊ में तैनात पशु चिकित्सा अधिकारी एच एन मिश्रा का कहना है कि कान्हा गौशाला से कुछ दूरी पर मृत की गई गाय का गौशाला डलमऊ की नहीं है वह गांव की हो सकती है लेकिन इतनी बड़ी संख्या में एक साथ गायों के मरने के विषय में पूछने पर कोई जवाब नहीं दे सके उन्होंने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में गायों का मरना ग्रामीणों की लापरवाही हो सकती हैं।

क्या कहते हैं नगर पंचायत अध्यक्ष

नगर पंचायत अध्यक्ष पंडित बृजेश दत्त गौड़ ने बताया कि विगत 9 माह से गौशाला में पल रहे गोवंश के संरक्षण के लिए बजट प्राप्त नहीं हुआ है। ठेकेदार द्वारा किसी तरीके से चारे की व्यवस्था की जा रही है। अभी तक का लगभग 13:30 लाख रुपया बकाया है। शासन को कई बार पत्र लिखा गया लेकिन अभी तक बजट प्राप्त नहीं हुआ बिना बजट के ठेकेदारों को गौशाला में गोवंश संरक्षण में दिक्कत आ रही है। लेकिन यदि बड़ी संख्या में गोवंश लापरवाही से मर रहे हैं। तो तत्काल जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

अनुज मौर्य/विमल मौर्य रिपोर्ट

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