ग्राम प्रधान के अथक प्रयास से आजादी के सात दशक बीत जाने कर बाद बनी सड़क

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महराजगंज रायबरेली
विकासखण्ड क्षेत्र के ग्राम पंचायत जमुरावां के पूरे सुबेदार को आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद चार पहिया वाहन से आने जाने का रास्ता ग्रामीणों को मिल सका। ग्राम प्रधान शैल कुमारी व उनके प्रतिनिधि शिवरमन प्रताप सिंह के अथक प्रयास से जहां ग्रामीणों को गांव तक जाने वाले कच्चे मार्ग से निजात मिली वहीं गांव की लगभग 50 बीघे खेती जो कि रास्ते के अभाव में जुताई बुआई न हो पाने का दंश झेल रही थी, मुक्ति मिली। ग्राम प्रधान के प्रयासों से खेतो तक जाने के लिए कच्ची चकरोड भी ग्रामीणों को मिल सकी। जिससे ग्रामीणों को लाकडाउन क़े बाद खेती क़ी फसल से आमदनी में इजाफा होता दिखाई पड़ रहा है।
बताते चलें कि विकास खण्ड क्षेत्र के ग्राम पंचायत जमुरावां के मनकी पुर से पूरे सुबेदार सहित चार मजरों के लोग गांव तक चार पहिया वाहन नही ले जा सकते थे, जिससें गांव तक उन्हे पैदल ही जाना पड़ता था। क्योंकि गांव को जाने वाला रास्ता कच्चा और संकरा था। जिससे लगभग 250 परिवार दशको से पक्की सड़क की बाट जोह रहे थे। गांव की महिला प्रधान शैल कुमारी व उनके प्रतिनिधि शिवरमन प्रताप सिंह के अथक प्रयासों से इस मार्ग पर 600 मीटर खडण्जा लग सका जिसके चलते 250 परिवारों व 4 गांव के लोगो को अपने गांव तक चार पहिया ले जाना सुगम हो सका। पूरे विलास से नाला पुलिया तक 50 बीघे खेती मात्र रास्ता न होने के चलते नही हो पा रही थी जिसके लिए ग्राम प्रधान ने अधिकारियों के सहयोग व ग्रामीणों की रजामन्दी के बाद 4 मीटर चौड़ा 600 मीटर लम्बा कच्चा रास्ता खेतो तक जाने के लिए बनवा दिया जिससे अब ग्रामीण अपनी खेती आराम से कर सकते हैं। ग्राम प्रधान के इस प्रयास से जहां 50 बीघे खेती शुरू हो गयी हैं वहीं काश्तकारों की आमदनी में भी बढोत्तरी हो गयी है। ग्रामीणों की माने तो लम्बे इन्तजार के बाद उनका खेती करने का सपना पूरा हो सका है यही नही गांव से घर तक अब चार पहिया वाहन आने का रास्ता मिल जाने से मांगलिक कार्यो से लेकर बीमारी तक उन्हे संसाधन घर तक उपलब्ध हो रहे हैं। यही नही गांव के हर मजरे को जोड़ने वाले कच्चे मार्गो पर लगभग 5 किमी खडण्जा लगवा कर ग्राम प्रधान ने लोगो के आवागमन को शुलभ बना दिया है। जिससे ग्रामीण महिला ग्राम प्रधान व उनके प्रतिनिधि की सराहना करते से नही चूकते हैं।

एडवोकेट अशोक यादव रिपोर्ट

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