जिला अस्पताल की कैंटीन का लाइसेंस निलंबित

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निलंबन के बाद भी जिला अस्पताल प्रशासन की मिली भगत से मरीजों को भोजन परोस रहा कैंटीन संचालक

रायबरेली। उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को निःशुक्ल भोजन की भले ही व्यवस्था करवाया हो पर भोजन की गुणवत्ता की परख शायद ही कि जाती हो एक ऐसा ही मामला रायबरेली के राणा बेनी माधव सिंह जिला चिकित्सालय में उस वक्त सामने आया जब फूड विभाग ने अस्पताल की कैंटीन में छापा मारा और खाद्य पदार्थ का सेम्पल जांच में भेजा जिसमे सेम्पल फेल हो गया और फूड विभाग ने कैंटीन का लाइसेंस ही निलंबित कर दिया पर दबंग कैंटीन संचालक जबरन अस्पताल प्रसाशन की मिली भगत ने अभी भी मरीजों को भोजन की जगह जहर परोस रहा है।

कैंटीन का लाइसेंस ही बीते माह फूड विभाग ने निलंबित कर दिया था पर जिला अस्पताल प्रसाशन व कैंटीन संचालक की मिली भगत के चलते आज भी यह कैंटीन मरीजों को भोजन परोस रही है। आखिर मरीजों के सेहत से इतना खेलवाड़ हो रहा है और जिला प्रशासन आँखे मूदे बैठा हुआ है। आपको बता दे कि फूड विभाग द्वारा फरवरी 2018 में इस कैंटीन में बने भोजन का सेम्पल लिया गया था और सेम्पल की जांच जनवरी 2019 को आई जिसमे सेम्पल फेल पाया गे और फूड विभाग ने कैंटीन का लाइसेंस निलंबित कर दिया पर ऊंची पहुच और रसूख के चलते आज भी यह कैंटीन मरीजों को घटिया भोजन सर्व कर रही है। इस संबंध में कैंटीन संचालक कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नही है ।

मरीजों के तीमारदार की माने तो जो भी भोजन मरीजों को दिया जाता है उसकी गुणवत्ता बहुत ही खराब है।

वही फूड विभाग के अधिकारी की माने तो जांच में कैंटीन द्वारा परोसे जाने वाला भोजन सेम्पल में।फेल हो गया हल्दी की गुणवत्ता खराब थी जिस कारण कैंटीन का लाइसेंस मेरे द्वारा निलंबित कर दिया गया। निलंबन के दौरान कैंटीन का संचालन नही हो सकता पर अब ये कैसे कर रहे है ये खुद जाने ।

सवाल यह उठता है कि जब फूड विभाग ने जिला अस्पताल में चल रही कैंटीन का लाइसेंस ही निलंबित कर दिया हो तो फिर किसकी सरपरस्ती में यह कैंटीन आज भी मरीजों को भोजन परोस रही है इस ओर जिला प्रशासन के साथ साथ आलाधिकारियों को भी ध्यान देना चाहिए। क्योंकि अस्पताल में वही मरीज एडमिट होता है जो बीमार होता है और उस बीमार व्यक्ति को गुणवत्ता विहीन भोजन देकर उसे और भी बीमार बनाया जा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि दबंग कैंटीन संचालक के विरुद्ध कोई कार्यवाही होती है या नही या फिर कैंटीन संचालक इसी तरह मरीजों को घटिया भोजन परोसता रहेगा।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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