तीसरे दिन अजामिल की कथा सुन मुग्ध हुए श्रोता

157
Raebareli News: तीसरे दिन अजामिल की कथा सुन मुग्ध हुए श्रोता

रायबरेली। जीआईसी ग्राउंड में चल रही साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन छत्तरपुर से पधारे कथा व्यास राजन जी महराज ने अपने श्रीमुख से बाराह अवतार, कपिल अवतार, दक्ष यज्ञ की कथा, बालक ध्रुव की कथा, जड़ भरत की कथा तथा अजामिल की कथा सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
भागवत मर्मज्ञ कथा व्यास ने कहा कि प्रारम्भ में सृष्टि में जल ही जल था। जिससे सृष्टि का कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा था। क्योंकि पृथ्वी व चारों वेद ब्रह्मा जी से चुराकर हिरण्याक्ष रसातल में ले गया था। भगवान ने बाराह अवतार धारण कर हिरण्याक्ष का वध किया और पृथ्वी व वेद को वापस लाये। उन्होंने कपिल अवतार की कथा सुनाई। शिव जी के द्वारा दक्ष का यज्ञ विध्वंस किया गया। उन्होंने दक्ष यज्ञ की सम्पूर्ण कथा विस्तार से सुनाई। भक्त ध्रुव की कथा सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गये। जड़ भरत की कथा भी विस्तार से सुनाई। अजामिल का उपाख्यान सुनाकर बताया कि साधुओं के कहने से अजामिल ने अपने पुत्र का नाम नारायण रखा। अन्त समय में अपने पुत्र नारायण को आवाज दी। इसी से उसका उद्धार हो गया। कथा व्यास ने अपने मधुर कंठ से संगीत की मधुर स्वर लहरियों पर अनेकों भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को झूमने एवं नृत्य करने को विवश कर दिया। अन्त में आरती के पश्चात प्रसाद वितरण कराया गया। कथा की व्यवस्था में हरीश श्रीवास्तव, (सपत्नीक), ओपी शुक्ला, रामरूप सिंह, मुरारी शुक्ला, बालकृष्ण अवस्थी, सुशील शुक्ला, शशिकांत अवस्थी, राजाराम पाण्डेय, एसएन सिंह, अशोक शुक्ला आदि मौजूद रहे।

Previous articleआयुष्मान भारत का शिविर 16 नवंबर को
Next articleतो कांग्रेस के ताबूत में एमएलसी ठोंकेगें पहली कील!