…देश में डर लग रहा है, नसीरूद्दीन नहीं नासूर हो

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Raebareli News: रायबरेली महोत्सव में देर रात तक बही कविता की रसधार, हुआ सम्मान

रायबरेली महोत्सव में देर रात तक बही कविता की रसधार, हुआ सम्मान

रायबरेली। रायबरेली महोत्सव में कार्यक्रमों का शुभारम्भ शनिवार को कवि सम्मेलन से हुआ। शुभारम्भ महोत्सव समिति के संयोजक विजय यादव, व्यवस्थापक राकेश गुप्ता, राजू भाई, आशीष पाठक, पुनीत श्रीवास्तव, अजय टैगोर आदि लोगों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। शुरुआत फतेहपुर के कवि नवीन शुक्ल ‘नवीन’ ने वाणी वंदना से की। उसके बाद उन्नाव के ओज कवि राहुल पांडेय ने अव्यवस्थाओं पर शब्द प्रहार करते हुए समसामायिक घटनाओं को अपनी ओजस्वी वाणी से शब्द देते हुए श्रोताओं में उत्साह का संचार किया। हास्य कवि अनुभव अज्ञानी ने अपनी अवधी की रचनाओं से श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। फतेहपुर के गीताकर प्रवीण प्रसून ने ‘कर दें जो मधुर घंटियां पूजिए, शक्ति रूपी कनक रश्मियां पूजिए। प्रभु को खुश करने का तरीका है सरल, भगवती रूप में बेटियां पूजिए।’ गीत पढ़ा। कवि संतोष दीक्षित ने पन्ना धाय और बनवीर के प्रसंग को शब्द देकर मंच को संवेदना की पराकाष्ठा पर पहुंचाया। हास्य कवि संदीप शरारती ने ‘प्यार की बूटी पिला-पिला कर करते मीठी चोट, मुर्दों तक से डलवा लेते हैं हम फर्जी वोट, अरे हम यूपी वाले हैं।’ पढक़र ठहाके लगाने पर मजबूर किया। शिवतोष संघर्षी ने ‘जब आदमी को खुद पर गुरूर हो जाता है, तब आदमी-आदमी से दूर हो जाता है।’ गजल पढ़ी। योगेन्द्र सिंह ने अपनी रचना में देशभक्ति को रेखांकित करते हुए पढ़ा-‘मां से और ईश्वर से विनती है यही मेरी, मानव तन मिले जब भी हिन्दुस्तान मिल जाए।’ कवि स मेलन का संयोजन करने वाले कवि उत्कर्ष उत्तम ने-‘जहां माता का सम्मान, पिता भी लगते देव समान, वो हिन्दुस्तान मेरा है।’ पढक़र ऊंचाई दी। संचालन कर रहे पत्रकार व कवि अनुज अवस्थी ने ‘देश प्रेम से भरी कहानी लिखता है, आग भरी हर एक जवानी लिखता है। लिखते होंगे जाति-धर्म-नामों के आगे, सच्चा है जो हिन्दुस्तानी लिखता है।’ रचना पढ़ी। हास्य के बहुप्रसिद्ध कवि मधुप श्रीवास्तव ‘नरकंकाल’ ने नसीरूद्दीन शाह के बयान की निंदा करते हुए अपनी रचना में पढ़ा-‘जिसकी बदौलत मशहूर हो, इतने बड़े तुम बेसहूर हो। उसी देश में डर लग रहा है, नसीरूद्दीन नहीं नासूर हो।’ अध्यक्षता कर रहे बृजेश श्रीवास्तव ‘तनहा’ ने-‘अरे मैं कितना हूं नादान, आज के युग में ढूंढ रहा हूं कल का हिन्दुस्तान, अरे मैं कितना हूं नादान।’ पढक़र समापन किया। रायबरेली महोत्सव समिति द्वारा सतांव के प्रसिद्ध गीतकार निर्मल प्रकाश श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया। इसके अलावा समिति ने सभी कवियों को प्रशस्ति पत्र और उपहार प्रदान किया। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश मिश्र ‘बच्चा मिश्रा’, मीडिया क्लब के उपाध्यक्ष हरीशानन्द मिश्रा, व्यापारी नेता आशीष द्विवेदी, जितेन्द्र शुक्ल, आशुतोष सिंह ‘आशू’, शहर कोतवाल एके सिंह, एसएसआई संजय सिंह, एडवोकेट प्रवीण मिश्रा, श्रवण कुमार, मनीष त्रिवेदी, पत्रकार शिव प्रसाद यादव, जितेन्द्र यादव, आशीष पाठक, उत्तम सोनी, गोविन्द गजब सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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