नए जिलाध्यक्ष में भी भाजपा ने खेला बैकवर्ड कार्ड

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दिलीप यादव को हटाकर रामदेव पाल बनाए गए बीजेपी के नए जिलाध्यक्ष
शिकायतों व लोकसभा केचुनाव को लेकर किया गया यह बदलाव

रायबरेली। लंबे अरसे से भाजपा के जिलाध्यक्ष से नाराज चल रहे कार्यकर्ताओं खुश करते हुए उन्हें हटा दिया है। भाजपा ने नाराज चल रहे कार्यकर्ताओं को जिलाध्यक्ष हटाकर पार्टी ने संतुष्ट भी कर दिया और बैकवर्ड की जगह बैकवर्ड लाकर जातीय संतुलन भी साध लिया। नए जिलाध्यक्ष के नियुक्ति के बाद भाजपा की ओर से यह साफ हो गया है कि विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी वह बैकवर्ड कार्ड खेलेगी। यही नहीं अरसे से राजनीतिक दलों में अपना नेतृत्व तलाश रहे पाल समाज को भी भाजपा ने जिलाध्यक्ष की ताजपोशी के बाद खुश कर दिया है।
भाजपा ने जिलाध्यक्ष रहे दिलीप यादव को हटा दिया है। उनके स्थान पर लंबे समय से पार्टी की सेवा कर रहे रामदेव पाल को यह जिम्मेदारी दी गई है। अपनी नियुक्ति के समय से ही जिलाध्यक्ष दिलीप यादव कई मामलों में काफी विवादित रहे। यहां तक की जिला संगठन के पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं ने तो एक समय जिलाध्यक्ष के विरुद्ध खुलकर मोर्चा खोल दिया था। प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक जिलाध्यक्ष दिलीप यादव की शिकायतें की गई लेकिन विधानसभा चुनाव होने की वजह से उन शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हुई। सरकार बनने के बाद भी कार्यकर्ताओं में जिलाध्यक्ष के प्रति नाराजगी बरकरार रही। कार्यकर्ता कभी सोशल मीडिया पर तो कभी सामने जिलाध्यक्ष का विरोध करते रहे। लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा किसी भी जनपद में पार्टी को कमजोर नहीं होने देना चाहती। शायद यही वजह है कि जहां भी विवादित जिलाध्यक्ष रहे और उनकी शिकायतें मिली पार्टी ने चुनाव से पहले वहां कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए बदलाव कर दिया। जिलाध्यक्ष दिलीप यादव को हटाकर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने रामदेव पालकों रायबरेली भाजपा का नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। जिलाध्यक्ष बदल जाने के बाद सोशल मीडिया पर नाराज कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर देखने को मिली। इस बदलाव के साथ भाजपा ने कांग्रेस के गढ़ में पार्टी को मजबूत बनाए रखने के लिए बैकवर्ड काल कार्ड खेल दिया है। अन्य राजनीतिक दलों में विभिन्न वर्गों से लोगों को किसी न किसी रूप में सम्मान मिलता रहा है लेकिन जिले में अभी तक पाल समाज राजनीतिक सम्मान नहीं प्राप्त कर सका था भाजपा ने इस समाज पर गुणा-गणित लगाई और रामदेव पाल को जिला अध्यक्ष बना दिया। जातीय समीकरण साधने और बैकवर्ड मतों में सेंधमारी के लिए भाजपा कितना सफल होती है यह तो लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद पता चलेगा लेकिन फिलहाल कांग्रेस के गढ़ में उसका यह गांव राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि भाजपा केनए जिलाध्यक्ष रामदेव पाल इससे पहले एबीवीपी के विभाग संगठन मंत्री रहे। इसके अलावां उन्होंने जिला महामंत्री, जिला संयोजक भाजपा, विधान सभा प्रभारी सरेनी और बछरावां तथा क्षेत्रीय कार्य समिति अवध क्षेत्र के सदस्य रूप में अपनी सेवाएं दी हैं।

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