डलमऊ (रायबरेली)। बुधवार को सैकड़ों की संख्या में किसानों ने समस्याओं को लेकर डलमऊ जगतपुर मार के मध्य स्थित शिवपुरी गंग नहर पर धरना देकर जाम लगा दिया। यह दृश्य देख विभागीय अधिकारियों के हाथ पैर फूलने लगे। सूचना पर पहुंचे सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को मनाने की खूब कोशिश की परंतु वह भी असफल रहे। उक्त गांव के पास स्थित गंग नहर का पुल कई वर्षों से क्षतिग्रस्त है इतना ही नहीं तथा मार्ग भी गड्ढों में तब्दील है जिसकी वजह से प्रतिदिन दुर्घटनाएं हो रही है। ग्रामीणों ने गंग नहर का पुल तथा सड़क का निर्माण कराने के लिए कई बार उच्चाधिकारियों से शिकायत भी की परंतु अधिकारियों ने उन शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया। अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज ग्रामीणों ने बुधवार को सुबह करीब 11:00 बजे से उक्त पुल पर धरने पर बैठ गए जिससे दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन में लगना प्रारंभ हो गया देखते ही देखते विशाल जाम लगने लगा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित ग्रामीणों को मनाने का प्रयास करने लगी आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस को भी बंधक बना लिया। जिसके बाद नायब तहसीलदार विनोद कुमार चौधरी मौके पर पहुंचकर किसानों की समस्या सुनी तथा जल्द से जल्द निस्तारण कराने की बात कहकर धरने को समाप्त कराया। जब किसानों चलाया फावड़ा तो भाग खड़े हुए अधिकारी डलमऊ जगतपुर मार्ग के मध्य स्थित शिवपुरी गांव के पास गंग नहर पर बना पुल पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका है। शासन के निर्देश पर विभागीय अधिकारियों द्वारा उसके बगल में नए पुल का निर्माण कार्य होने लगा गया जिसको लेकर विभागीय अधिकारियों ने गंग नहर पुल के पास बंधा बनाकर कर रहे थे। परंतु बीते 2 माह से पुल का निर्माण कार्य ठप है वही गंग नहर पर बंधा बना होने की वजह से किसानों को धान की नर्सरी को तैयार करने के लिए पानी नहीं मिल रहा है इस बात से नाराज किसानों ने प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए फावड़ा उठा लिया। यह दृश्य देखकर मौजूद अधिकारी भाग खड़े हुए वहीं किसानों ने स्वयं गंग नहर पर विभागीय अधिकारियों द्वारा बनाए गए बंधे को फावड़े से काटने लगे जिससे उनके खेतों तक पानी आराम से पहुंच सके।
वहीं पुल निर्माण के दौरान विभागीय अधिकारियों द्वारा बनाए गए बंधे की वजह से क्षेत्र के शिवपुरी, सलेमपुर, मुर्शिदाबाद , भीमगंज, दीनगंज , पूरे बख्श, कुरौली दमा, कंधरपुर, सराय लखमी ,जोतियामऊ ,पूरे लव ,पूरे सूबेदार ,पूरे गोपाल सिंह, पूरे बैजू ,शोभवापुर ,पखरौली ,बरारा बुजुर्ग सहित अन्य लगभग आधा दर्जन गांवों में हजारों भीगे धान की नर्सरी पानी के बिना सुख कर नष्ट हो गई है।
अनुज मौर्य/विमल मौर्य रिपोर्ट