खीरों (रायबरेली)। जहां एक ओर योगी सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए
करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। वहीं वन विभाग के कर्मचारी हरे भरे फलदार
पेड़ों को रोग ग्रस्त दिखाकर परमिट जारी कर पर्यावरण संरक्षण पर प्रश्न
चिन्ह लगा रहे हैं। मामला थाना क्षेत्र के अन्तर्गत विश्वनाथ खेड़ा मजरे
अतरहर का है। जहां लकडक़ट्टों द्वारा भारी भरकम फलदार महुए के हरे-भरे
पेड़ को धराशायी कर दिया गया। इन फलदार हरे-भरे पेड़ों के धराशायी किए
जाने की बात पर जब संबन्धित विभागीय कर्मचारियों से बात की जाती है तो
जवाब एक ही मिलता है कि उसका परमिट बना है। आश्चर्य की बात है कि सरकार
की इतनी सख्ती के बाद भी इन हरे-भरे फलदार पेड़ों को धराशायी करने के लिए
वन विभाग रोग ग्रस्त दिखाकर कैसे परमिट जारी कर देता है? थानाध्यक्ष अतुल
कुमार सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है यदि हरा पेड़ काटा
गया है तो वन विभाग से बात कर संबन्धित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।