रायबरेली। कहते हैं कि जब बेटियां कुछ ठान ले तो इतिहास लिख देती हैं। जोश और जज्बे से लबरेज रायबरेली शहर की इन बेटियों ने भी शिक्षा के क्षेत्र से लेकर गरीबों की मदद तक एक नई पहल की है। हम बात कर रहे है सर्वार्थ फाउंडेशन की जिसने दलित बस्तियों के बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है। इन बेटियों की टीम अपने एक सीनियर एडवोकेट मैडम की मदद से दलित बहुल बस्ती में शिक्षा दान कर रही हैं। साथ ही जरूरतमंद गरीब लोगों की भी लगातार मदद कर रही हैं।
फिलहाल टीम के द्वारा 80 से ज्यादा गरीब बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। प्रिया शुक्ला फाउंडेशन अध्यक्ष, सारिका शुक्ला, सचिव प्रतीक्षा श्रीवास्तव सहित करीब दस बेटियों ने सेवा करने के लिए ठाना है। इस कोशिश की स्थानीय लोग काफी सराहना करते हैं। साथ ही समय-समय पर टीम ओल्ड एज होम में जाकर ये बेटियां बुजुर्गों की सेवा करती रहती हैं साथ ही मोहल्लों में जाकर सफाई भी स्वयं करती हैं। बेटियों के इस कार्य को देखकर बडे-बडे लोग चकरा जाते हैं कि जो काम सफाईकर्मी को करना चाहिए था वह काम ये बेटियां कर रही है। बेअियों से जब इस जज्बे के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह विचार उनके मन में इसलिए आया क्योंकि अक्सर सुबह जाते समय बच्चे खेलते नजर आते थे और शिक्षा के संबंध में कुछ पूछे जाने पर यह कुछ बता नहीं पाते थे। ऐसे में उन्हें लगा कि इन्हें ट्यूशन की जरूरत है। इन्होंने पूरे बस्ती का दौरा किया और दलित बेटियों को इकट्ठा किया फिर शुरू कर दी। इनका कहना है कि जब तक बेटियां पढ़ेंगी नहीं, तब तक देश आगे नहीं बढ़ पाएगा।
रिपोर्ट: अनुज मौर्य