महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा-परमात्मा का मिलन हुआ-झिलमिल महाराज

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लालगंज रायबरेली।लालगंज क्षेत्र के सुप्रसिद्ध धार्मिक पीठ बाबा बाल्हेस्वर मन्दिर परिसर मे चल रही श्रीमदभागवतकथा के पावन अवसर पर कथावाचक व्यास पीठाधीस्वर झिलमिल जी महराज ने श्रीकृष्ण रूक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।कार्यक्रम के पावन अवसर मुख्य यजमान भीष्म सिंह भदौरिया,अनुज अवस्थी,असोक बाजपेयी,सुमुख बाजपेयी,सूर्य प्रसाद मिश्रा,अभिषेक शुक्ला,मनोज पाण्डेय,कीर्ति मनोहर,मोनू मिश्रा सहित विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने सिरकत किया।भागवतकथा मे बोलते हुये झिलमिल जी महराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं मे यह दिखाया भी था कि देवी राधा और वो दो नही बल्कि एक है,लेकिन राधा के साथ श्रीकृष्ण का विवाह नही हो पाया।देवी रूक्मणी के विवाह प्रसंग को सुनाते हुये उन्होने कहा कि देवी रूक्मणी विधर्व के राजा भीषमख की पुत्री थी।रूक्मणी का सारा बचपन श्रीकृष्ण के साहस और वीरता की कहानियां सुनते बीतता था।बहुत विरोध के बावजूद रूक्मणी का विवाह श्रीकृष्ण के साथ सम्पन्न हुआ था।झिलमिल जी महराज ने कहा कि कलियुग मे सत्संग और भागवत कथा सुनने से ही मोक्ष की प्राप्ति सम्भव है।

सन्दीप फ़िज़ा रिपोर्ट

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