डलमऊ रायबरेली – डलमऊ के गंगा तट पर छठ पूजा के पर्व पर महिलाओं ने पूजा अर्चना की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी शुक्रवार से महापर्व छठ शुरू हो चुका है। चार दिनों के इस महत्वपूर्ण त्योहार का पहला दिन नहा खा कर बीत चुका है, और शुक्रवार को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया । बता दें कि इस पर्व के तीसरे दिन डूबते सूरज और चौथे दिन की उगते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। छठ महापर्व में व्रत रखना आसान नहीं माना जाता है क्योंकि इसमें कई नियमों का पालन करना पड़ता है। 18 नवंबर से 21 नवंबर तक चलने वाले इस पर्व को बेहद खास माना जाता है कहते हैं कि यह आस्था और श्रद्धा का सबसे खास त्योहार है। इसलिए इसके प्रति लोगों में बहुत अधिक विश्वास है।
छठ पूजा का त्योहार भारत के उत्तर-पूर्व राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। छठ को महापर्व की संज्ञा दी जाती है। कहते हैं कि यह आस्था और श्रद्धा का सबसे खास त्योहार है। इसलिए इसके प्रति लोगों में बहुत अधिक विश्वास है। दुनियाभर में प्रवासी बिहारी अपने-अपने क्षेत्रों के नजदीकी नंगी के घाटों पर जाकर छठ पूजा का त्योहार मनाते हैं। इस त्योहार का लोग सालभर इंतजार करते हैं और छठ पूजा आने पर पूरी श्रद्धा से रीति-रिवाज निभाते हैं।
विमल मौर्य रिपोर्ट