मां ने ही निभाया पिता का धर्म और जननी का धर्म : आदिती तिवारी

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मदर्स डे पर स्पेशल कवरेज

रायबरेली। विकास क्षेत्र के शुक्लन का पुरवा मजरे चिचौली में जन्मी आदिती तिवारी को क्या पता था कि जन्म के कुछ समय बाद ही उनके सर से पिता का साया उठ जाएगा।ऐसी परिस्थिति में जब वह मात्र 1 साल 10 दिन की ही थी उनके पिता कमलेश कुमार का स्वर्गवास हो गया विपरीत परिस्थितियों में उनकी मां श्रीमती माया देवी ने उनके लालन-पालन और साथ ही शिक्षा की जिम्मेदारी की बागडोर संभाली ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ती भी हैं चूंकि समय से पहले उनका सुहाग उजड़ गया था। इसीलिए उन्होंने पिता का भी कर्तव्य निभाया । अदिति के पिता का स्वर्गवास सन् 2003 में हो गया था।येअपने माता- पिता की इकलौती संतान थी इसलिए इनकी मां ने इनकी शिक्षा पर विशेष दृष्टि रखा और कभी कोई कमी नहीं आने दी यही कारण था कि 2019 की बोर्ड परीक्षा में इंटर विज्ञान वर्ग में इन्होंने रायबरेली जनपद का गौरव बढ़ाया और जिले में सातवें स्थान पर रही।वही राना बेनी माधव सिंह स्मारक इंटर कॉलेज शंकरपुर की टॉपर रही।आदिती तिवारी ने वार्ता के दौरान बताया कि मेरी इस सफलता के लिए मां ने पता नहीं कितनी रातों में जाग-जाग कर मुझे पढ़ने के लिए उठाया मेरी जिम्मेदारियो को समझाया और कभी यह एहसास नहीं होने दिया कि मुझे कोई कमी है।श्रीमती माया देवी ने बताया कि अभी 2 दिन पहले की बात है जब डीएम नेहा शर्मा पुलिस कप्तान सुनील कुमार सिंह डी आई ओ एस मालवीय जी ने बेटी को सम्मानित किया तो परिवार में ही नहीं समाज में भी उनको उनकी बेटी आदिति ने सम्मान दिलाया।उसने मेरा सदैव ही सम्मान किया है । और वह आदिति की मां है इस बात का उन्हें गर्व महसूस होता हैं।

अनुज मौर्य/मनीष श्रीवास्तव रिपोर्ट

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