जगतपुर (रायबरेली)। लक्ष्मणपुर का रेलवे स्टेशन बयां कर रहा है अपनी बेकदरी।सरकारे बदलती रही लेकिन ना बदला तो यहां की व्यवस्था टूटी फूटी स्टेशन की बिल्डिंगे दस पंप मारने पर एक गिलास पानी देने वाला इंडिया मार्का नल और बेइंतजामी झेलने वाला यह रेलवे स्टेशन लक्ष्मणपुर हैं वैसे तो बीआईपी जिला रायबरेली मानने की दौड़ में है। जहां समस्याओं की शुमार है यहां आने-जाने
यात्रियों के लिएअव्यवस्थाये देखने को मिली यहां आने जाने वाले रिश्तेदारो को इस स्टेशन की याद जरूर आती होगी।यहां गिनी चुनी ट्रेनें ही निकलती हैं अब बात करते हैं पुरानी बिल्डिंग की जो लगभग अपनी जिंदगानी पूरी कर चुकी है और अंतिम सांसे गिन रही है बस इंतजार है एक झटके की लेकिन रेलवे प्रबंधन घोर लापरवाही बरत रहा है या किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है अब यह उसे ही मालूम है फिलहाल यहां की हालत बहुत ही दयनीय है सुबह लक्ष्मणपुर से लखनऊ जा रहे संगीता रीता और पवन कुमार ने बताया कि उन्हें प्रसाधन की आवश्यकता पड़ी तो उन्होंने राहगीरों से पूछा तो पता चला यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।वह यह सुनकर दंग रह गए कि जहां डिजिटल इंडिया की बात हो रही वहां रायबरेली का एक ऐसा स्टेशन है जहां मलमूत्र त्याग रेल की पटरी और परिसर पर करना पड़ता है। प्लेटफॉर्म से ट्रेन पर चढने की ऊंचाई इतनी है कि दिव्यांगजन वृद्ध,और औरतों बच्चों को चढ़ने उतरने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कुत्तों की फौज भी स्टेशन पर टहलती नजर आई।
अनुज मौर्य/मनीष श्रीवास्तव रिपोर्ट