अगर आप करने जा रहे है भंडारा तो पहले जान ले ये नियम वरना आप पर दर्ज हो सकता है मुकदमा

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भण्डारा आयोजक प्लास्टिक गिलास, प्लेट व पॉलीथीन की वस्तु का प्रयोग न करे,न मानने पर होगी आयोजक के ऊपर कार्यवाही : डीएम

रायबरेली। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने निर्देश दिये है कि भण्डारा, पूजापाठ आदि अन्य कार्यक्रमों में भक्तो आदि को प्लास्टिक के ग्लास व प्लेट व पॉलीथीन वस्तु दिये जाने पर आयोजक के विरूद्ध कठोर कार्यवाही के साथ ही एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पूरे राज्य में प्लास्टिक तथा पॉलीथीन को बैन है। मुख्यमंत्री जी के आदेश का पालन कड़ाई से कराने व जागरूकता अभियान को युद्ध स्तर पर समय-समय पर कराया जा रहा है। उ0प्र0 सरकार के सख्त निर्देशों के अनुपाल में पूरे उत्तर प्रदेश सहित जनपद रायबरेली में गतवर्ष से 15 जुलाई 2018 से प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाये जाने की कवायद शुरू हो गई है। प्लास्टिक तथा पॉलीथीन बैन के बावजूद कतिपय लोगों भण्डारा आदि में इसका प्रयोग किया जा रहा है जो गलत है। जिलाधिकारी जनपद के सभी मण्डारा आयोजकों व अन्य कार्यक्रम आयोजित करने वालों से कहा है कि प्लास्टिक व पॉलीथीन की वस्तु एवं गिलास, प्लेट आदि का प्रयोग न करें। 11 जून को चतुर्थ मंगलवार को भण्डारा का आयोजन किया जाता है भण्डारा आयोजक भण्डारा में भक्तों आदि को प्लास्टिक के गिलास एवं पॉलीथीन की वस्तु में पूड़ी प्रसाद आदि न दें अन्यथा दण्डात्मक कार्यवाही के साथ ही प्रथम सूचना रिपोर्ट अधिकतम मात्रा में जुर्माना आदि भी किया जा सकता है।

अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) डा0 राजेश कुमार प्रजापति ने कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्देश दिये है कि प्लास्टिक, पॉलीथीन तथा थर्मोकोल से निर्मित पॉलीबैग, कप, प्लेट, ग्लास इत्यादि के इस्तेमाल से व्यापक स्तर पर प्रदूषण फैलता है। चूंकि प्लास्टिक, पॉलीथीन से निर्मित पॉलीबैग, कप, प्लेट, ग्लास इत्यादि नष्ट नहीं होते हैं, ऐसे में यह नालों, सीवरों इत्यादि में जमा होकर पानी के निकास को रोकने का काम करते हैं। प्लास्टिक, पॉलीथीन के उपयोग को रोकने के लिए जन जागरूकता आवश्यक है। इसमें जनता की भागीदारी से साथ-साथ व्यापारियों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाए। सभी को प्लास्टिक तथा पॉलीथीन के उपयोग को रोकने के लिए प्रेरित किया जाए। प्रदेश सरकार द्वारा यह भी बताया गया है कि प्लास्टिक, पॉलीथीन तथा थर्मोकोल से निर्मित पॉलीबैग, कप, प्लेट, ग्लास इत्यादि चूंकि उपयोग के बाद फेंक दिये जाते हैं, ऐसे में यह नदियों, तालाबों, कुंओं इत्यादि को बुरी तरह से प्रदूषित करते हैं। इनसे जानवरों को भी नुकसान होता है। उन्होंने सभी अधिकारियों एवं व्यापार मण्डल के सदस्यो, नगर पालिका एवं पंचायत के अध्यक्ष, अधिशाषी अधिकारियों, छात्र-छात्राओं समाज के बुद्धिजी वर्ग आम जन मानस से कहा है कि अपने-अपने जिले में प्लास्टिक तथा पॉलीथीन के बैन के विषय में लोगों को जागरूक करते हुए सरकार के चरणबद्ध अभियान को सफल बनाने में पूरा सहयोग करें।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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