अधिवक्ताओं का का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं : सुरेंद्र भदौरिया

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सड़क से लेकर न्यायालय तक देंगे जवाब : शशिकांत

रायबरेली। अधिवक्ताओं की महापंचायत सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह भदौरिया ने जिला प्रशासन को आगाह करते हुए चेतावनी दी है कि अधिवक्ताओं का उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महामंत्री शशिकांत शुक्ला ने कहा कि अधिवक्ताओं को न्याय दिलाने के लिए सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ाई लड़ी जाएगी। महापंचायत के पदाधिकारियों का कहना है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है पद एवं अधिकार का दुरुपयोग करने वाले अधिकारी को न केवल बेनकाब किया जाएगा, बल्कि उनके गलत कृत्यो को उजागर करके कानून के माध्यम से उन्हें दंडित करवाने का भी काम किया जाएगा। दरअसल में अधिवक्ता गिरीश कुमार श्रीवास्तव पर भदोखर थाने में लेखपाल पुरुषोत्तम भारती द्वारा लिखाई गई एफआईआर से नाराज हैं। अध्यक्ष व महामंत्री ने जिला अधिकारी व पुलिस अधीक्षक को पत्र के साथ कानून की नजीर भेज कर एफआईआर को समाप्त करवाने की मांग की है।
पत्र में कहा गया है की उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने केस नंबर 9964 /2020 मुंशीलाल एंड अदर्श- बनाम- उत्तर प्रदेश व अन्य में दिशा निर्देश दिए हैं कि धारा 2/3लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की कार्यवाही करने से पहले रेवेन्यू कोर्ट की कार्यवाही कराना नितांत आवश्यक है। रेवेनयू की धारा 67 के तहत नोटिस लेकर विपक्षी गणों का जवाब लेना चाहिए और उसका तर्क संगत निस्तारण करते हुए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कब्जा जायज है या नाजायज। इस कार्यवाही के बिना 2/3 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाना शक्तियों का दुरुपयोग है। इस मामले में उच्च न्यायालय ने प्रथम सूचना रिपोर्ट और चार्जसीट करदद कर दिया। संगठन की मांग है की उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के क्रम में अधिवक्ता गिरीश कुमार श्रीवास्तव पर दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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