अफ्रीका के घने जंगल की तरह है यहाँ के क्षेत्राधिकार का सरकारी आवास

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महाराजगंज (रायबरेली)। एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार ने सख्त निर्देश देते हुए अधिकारियों को अपने कार्यक्षेत्र में बने आवासों पर ही रात्रि निवास के लिए कहा है। लेकिन महराजगंज कस्बे में लगभग दो वर्ष पूर्व जर्जर क्षेत्राधिकारी आवास को गिरवाने के बाद से ही प्रदेश सरकार के मुखिया के निर्देशों को धता बता क्षेत्राधिकारी आवास निर्माण की फाइल इधर से उधर मात्र उच्चाधिकारियों के टेबल की शोभा बढ़ा रही है।

बताते चलें कि महाराजगंज कस्बे में तहसील परिसर के सामने कभी क्षेत्राधिकारी का आवास बना हुआ था। क्षतिग्रस्त होने से पूर्व दर्जनों क्षेत्राधिकारियों ने बने इस आवास में रहते हुए आवास को गुलजार कर रखा था। लेकिन करीब 2 वर्ष पूर्व आवास के जर्जर होने पर प्रशासन ने इसको गिरवाते हुए नये आवास निर्माण की बात कही थी। लेकिन तब से अब तक जिले में बैठे उच्चाधिकारियों के इस ओर ध्यान न देने से क्षेत्राधिकारी आवास की फाइल कागज पर ही दौड़ रही हैं। क्षेत्राधिकारी सर्किल अंतर्गत थाना हरचंदपुर, थाना बछरावां, थाना शिवगढ़ तथा महाराजगंज कोतवाली का लंबा क्षेत्र होने के कारण जो भी क्षेत्राधिकारी महाराजगंज में तैनात होते हैं उनको रात्रिनिवास के लिए जिला मुख्यालय पर रुकना पड़ता है। जिससे फरियादियों को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए इंतजार करना पड़ता है। वहीं कस्बे में तहसील परिसर के सामने वीरान पड़ा क्षेत्रधिकारी आवास शराबियों का अड्डा बन चुका है। बाउंड्री वाल होने के कारण बाहर से कुछ दिखाई नहीं पड़ता, जिससे शराबियों ने इसको अपना अड्डा बना लिया है और जाम पर जाम गटकाये जाते हैैं। कोई देखरेख ना होने से लोगों ने क्षेत्राधिकारी आवास को मल- मूत्र त्यागने का स्थान बना रखा है जिससे लगातार आवासीय परिसर में गंदगी फैल रही है। वहीं प्रबुद्ध वर्ग का कहना है कि जब शासन-प्रशासन अपने क्षेत्राधिकारी को एक आवास नहीं दे सकता तो जनता के बारे में भगवान ही मालिक है।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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