लालगंज,रायबरेली- महिला सशक्तिकरण का अर्थ सच्चे अर्था में तभी सार्थक होगा जब महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगी। इसके लिए महिलाओं को शिक्षा के साथ साथ तकनीकी प्रशिक्षण भी प्राप्त करना चाहिए। ताकि वह अपना व्यवसाय कर स्वावलंबी बन सकें।यह बात कस्बे के आचार्य नगर मुहल्ले में आयोजित प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरण के दौरान माया प्रशिक्षण सेवा संस्थान की डायरेक्टर सुमन तिवारी ने कही। श्रीमती तिवारी ने कहा कि वर्तमान समय आर्थिक युग का है। मंहगाई के इस दौर में गृहस्थी की गाड़ी चलाने के साथ ही आत्मनिर्भर रहने के लिए सिलाई, कढ़ाई, मेंहदी डिजाईन, ब्यूटीशियन, पेंटिंग, ज्वैलरी बनाना, कुकिंग, आइसक्रीम, जैली आदि बनाने का प्रशिक्षण महिलाओं के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि कुकिंग सभी किशोरियों को आता है लेकिन उसे सही से सीख कर होटल या टिफिन होमडिलीवरी के रूप में व्यवसाय बना सकती हैं। ब्यूटी पार्लर, आइसक्रीम बनाने, आर्टीफीशियल ज्वैलरी बनाने, सिलाई करने आदि को घर पर ही काफी कम कीमत में व्यवसाय के रूप में अपना सकते हैं।उन्होंने बताया कि माया प्रशिक्षण सेवा संस्थान पिछले 15 वर्षां से महिलाओं को स्वालंबी बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। भारी संख्या में लोग सिलाई,कढ़ाई, ब्यूटीपार्लर आदि का व्यवसाय अपनाकर रोजगार कर रही हैं। पायल तिवारी, शिवांगी, शालिनी, सोनाली, मोनी, आफरीन, अफसाना, नगमा बानो, पूजा, शिवांगी पांडेय आदि दो दर्जन से अधिक प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।कार्यक्रम के दौरान पूर्व सभासद अवधेश तिवारी, सभासद सतीश महाजन, प्रेम शंकर गुप्त आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
सन्दीप फ़िज़ा रिपोर्ट