पोस्ट मास्टर की निगरानी में डाला जा रहा गरीब ग्रामीणों की जेब पर डाका
महराजगंज (रायबरेली)। वसूली मैन बना डाकघर का कमाऊ पूत केंद्र सरकार की नि:शुल्क सुविधा में भी जनता को ठग रहा है और जिम्मेदार तमाशबीन बने बैठे हैं। कस्बे के तहसील मुख्यालय के डाकघर में खुलेआम यह गोरखधंधा पिछले छह माह से बदस्तूर जारी है किन्तु हिम्मती नौकरशाहों को सरकार की किरकिरी कराने से कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है।
बताते चले की तहसील मुख्यालय के बीचो बीच कस्बा स्थित डाकघर मे आधार कार्ड बनाए जाने के नाम पर जरूरतमंदों की जेबें ढीली करायी जा रही। जिसमें डाकघर के पोस्ट मास्टर अपनी भूमिका प्रमुखता से निभा रहे हैं। डाकघर में आमजन को पहचान से जोड़ते हुए आधार केंद्र की स्थापना की गयी जिसके तहत निशुल्क आधार कार्ड बनाए जाने हैं। इसके लिए डाकघर के पोस्टमास्टर की निगरानी में दो बाबू ओएन सोनकर व साहब शरण मिश्रा की नियुक्ति की गयी है। जिन्हें आधार कार्ड का पास वर्क भी जारी किया गया, जिससे बाहरी दुकानों पर अनाप-शनाप पैसे लेकर बनने वाले आधार कार्ड पर रोक लगाई जा सके किन्तु इनके उलट पोस्टमास्टर ने एक बाहरी कम्प्यूटर आपरेटर की नियुक्ति कर दी जो धड़ल्लेे से पैसा लेकर आधार कार्ड बनवा रहा है। डाकघर के आधार कार्ड केंद्र पर नामांकन कराने आने वाले आमजन को कम्प्यूटर आपरेटर मुकेश कुमार की कस्बा स्थित सुपर मार्केट की दुकान पर फार्म भराने भेजा जा रहा। जहां सौ रुपए देने व फार्म भरने के बाद आमजन डाकघर मे फिंगर व आई स्कैनिंग कराने को आ रहे हैं। जहां रसीद मिलने पर सौ रुपए की और चपत लगाने को उसी दुकान पर प्लास्टिक आधार कार्ड निकलवाने को भेजा जा रहा। जिससे डाक घर की आम के आम गुठलियों के दाम की कहावत चरितार्थ हो रही है। डाक घर के इस कमाऊ पूत का नाम आमजनमानस के बीच वसूली मैन हो गया है। इस बाबत पासवर्ड का जिम्मा लेने वाले व आधार कार्ड बनाने को प्रधान डाक घर रायबरेली से नियुक्त बाबू से बात करने पर उन्होंने चौकाने वाला पहलू बताया की उन्हें आधार कार्ड बनाना आता ही नहीं। वहीं हड़बड़ाए पोस्ट मास्टर तपस कुमार गौतम ने वसूलीमैन का आधार केंद्र में बैठे लोगों के आधार कार्ड बनाए जाने के बाबत पूछने पर बताया की सहायता की दृष्टिकोण से निशुल्क रूप से यह व्यक्ति डाक घर के अंदर बने केंद्र मे बेरोकटोक आता-जाता रहता है।