आध्यात्मिक वैचारिकता ने विधायक को बनाया ‘स्वामी जी’

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नववर्ष से नए संकल्प के साथ हुआ राकेश के महानुष्ठान का आगाज

सतांव (रायबरेली)। ‘वंदना के इन स्वरों में, एक स्वर मेरा मिला लो। अर्चना के रत्नकण में, एक कण मेरा मिला लो। मैं पथिक, सेवा डगर का, साथ का, सहयोग का। चाहता हूँ, आप कदमों से कदम, मेरे मिला लो! हरचन्दपुर के विधायक राकेश प्रताप सिंह की यही अपेक्षा अपने उन तमाम साथियों से है जो उनकी धार्मिक व आध्यात्मिक वैचारिकता के कायल हैं। समूचे विधान सभा क्षेत्र में ‘स्वामी जी’ के नाम से चर्चित हो रहे विधायक राकेश प्रताप सिंह ने बीते साल एक जनवरी से श्री रामचरित मानस के अखण्ड पाठ पांच साल तक प्रतिदिन आयोजन कराने का एक कठिन संकल्प आरभ किया था। इस महा अनुष्ठान का एक वर्ष बीती 31 दिसबर को सपूर्ण धार्मिक माहौल में सपन्न हो गया। एक जनवरी 2018 को सतांव स्थित श्री गौरा पार्वती मंदिर को दूसरे साल के आयोजनों का शुभारंभ विधायक ने एक शानदार समारोह आयोजित करके किया। संपूर्ण वर्ष श्रीरामचरित मानस के प्रतिदिन अखण्ड पाठ कराने का एक कैलेन्डर भी विधायक ने जारी किया। इसमें उन लोगों व स्थानों का विवरण है, जिनके प्रतिनिधित्व में पाठ सपन्न होगा। दूसरे वर्ष के आयोजनों के शुभारभ के मौके पर विधायक ने प्रथम वर्ष में मानस पाठ आयोजित कराने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया और इस उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया। हरचन्दपुर विधायक राकेश प्रताप सिंह को उनके क्षेत्र की जनता एक धर्म प्राण व्यक्तित्व के रूप में जानती है। उन पर भ्रष्टाचार व कदाचार जैसे आरोप कभी नहीं लगे। लोगों में एक विश्वसनीयता पैदा हो चुकी है कि विधायक अधर्म और अधर्मी को कभी तरजीह नहीं दे सकते, शायद यहीं कारण है कि उनके आसपास रहने वाले लोगों की नीयत व नीति पर भी किसी को शक नहीं है। सतांव के श्री गौरा पार्वती मंदिर परिसर में बीते कई वर्षों से आयोजित हो रहे मानस सन्त समेलन का प्रबन्धन हो या क्षेत्र के प्राचीन जीर्ण-शीर्ण मंदिरों का कायाकल्प करना, विधायक ने जिस समर्पण व मनोयोग के साथ किया, उसी त्याग व लगन ने उन्हें राकेश प्रताप से ‘स्वामी जी’ बना दिया।

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