इस गांव में एक साल से नहीं खुला जच्चा बच्चा केंद्र खुद बीमार हो चुका है ये केंद्र

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पटरी से उतरी स्वास्थ्य सेवायें, लोग परेशान

परशदेपुर (रायबरेली)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लाख कोशिशो के बादजूद स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं पटरी पर आती नही दिख रही है।इसकी बानगी देखनी हो तो नगर पंचायत परशदेपुर आ कर देख लीजिये।हकीकत देखनी हो तो परशदेपुर के जच्चा बच्चा केंद्र में आइये।

यह केंद्र जहां पर जच्चा-बच्चा इलाज की आशा रखते हैं, वह खुद ही पूरी तरह बीमार है। यह केंद्र स्वयं के उपचार के लिये तरस रहा है लेकिन कोई देखने वाला नही है।यहां पर ए0एन0एम0 ना होने से 1 वर्ष से भी अधिक समय से से केंद्र बन्द पड़ा है।

परशदेपुर के वार्ड नंबर 7 में बने जच्चा बच्चा केंद्र जो कि कहने को जच्चा बच्चा केंद्र है पर पिछले 1 वर्ष से ताला पड़ा रहता है।

बताते चले कि यंहा पर तैनात एएनएम का एक वर्ष पूर्व स्थानान्तरण हो गया था उसके बाद किसी की स्थायी नियुक्त नहीं की गई।जिसके कारण महिलाओं को टीका लगवाने में काफी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है।

मुहल्ले के अनिल विष्वकर्मा ने बताया कि केंद्र बन्द होने से बच्चो के टीकाकरण के लिए भटकना पड़ता है।शैलेंद्र कुमार ने बताया कि केंद्र में आवारा जानवर विचरण करते हैं।

मुहल्लेवासियों द्वारा एएनएम की स्थायी नियुक्त की मांग मुख्य चिकित्साधिकारी से की गई है।
इस संबंध में परशदेपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्साधिकारी विनीत सिंह का कहना है की स्थानांतरण हो जाने के कारण समस्या है। उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी नही है कोई एएनएम
यही हाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परशदेपुर का भी है।स्वास्थ्य केंद्र में पूर्व में तैनात एएनएम मोहिनी का भी यहां से कही और स्थानांतरण हो गया है जिसके कारण केंद्र में भी टीकाकरण नही हो पा रहा। महिलाओं को टीका लगवाने के लिए दूर जाना पड़ता है।

अनुज मौर्य/शम्शी रिजवी रिपोर्ट

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